कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए कैलेंडर !!

कश्मीर में आतंक और अशांति फैलाने के लिए अलगाववादी नेता कैलेंडर बनाकर रखते हैं. ऐसा ही एक 'प्रोटेस्ट कैलेंडर' राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह के पास से बरामद हुआ है. यह कैलेंडर गिलानी द्वारा जारी किया गया है. अहमद शाह फिलहाल टेरर फंडिंग के आरोप में एनआईए की हिरासत में हैं.

गिलानी द्वारा जारी किए गए इस कैलेंडर में पिछले साल हुए बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद की उन तारीखों का जिक्र है जिनमें कश्मीर में प्रदर्शन किए गए और अशांति फैलाने की कोशिश की गई. इस कैलेंडर के सामने आने से यह भी साफ हो गया है कि बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में एक योजनाबद्ध तरीके से अशांति फैलाई गई थी. 

घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तानी फंडिंग के मामले में एनआईए कश्मीर के कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. एनआईए ने रविवार को कि जम्मू एवं कश्मीर सोशल पीस फोरम के अध्यक्ष देविंदर सिंह बहल के घर और ऑफिस की तलाशी ली. बहल गिलानी के करीबी माने जाते हैं.

एनआईए ने एक बयान में कहा है कि तलाशी अभियान के दौरान चार मोबाइल फोन, एक टैबलेट, कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज और वित्तीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं. बयान में कहा गया है, "एनआईए की टीमों द्वारा पूछताछ जारी है." एनआईए ने दावा किया कि बहल गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत के कानूनी प्रकोष्ठ का सदस्य है. वह हुर्रियत के एक शीर्ष नेता का घनिष्ठ सहयोगी है और वह नियमित तौर पर मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होता था.

इससे पहले एनआईए ने आठ अलगाववादी नेताओं को कश्मीर घाटी में आतंकवादी वित्त पोषण के संबंध में गिरफ्तार किया था. इसमें शब्बीर शाह, अल्ताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्ला, मेहराज कलवल, शाहिद-उल-इस्लाम, नईम खान और बिट्टा कराटे शामिल हैं.

नहीं होने दी गिलानी की प्रेस कॉन्फ्रेंस

जम्मू एवं कश्मीर के वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी जिसे अधिकारियों ने नहीं होने दिया. हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि गिलानी को श्रीनगर के ऊपरी इलाके हैदरपुरा स्थित उनके घर में नजरबंद रखा गया है. गिलानी ने अपने घर में ही पत्रकार वार्ता बुलाई थी, लेकिन पत्रकारों को अंदर नहीं जाने दिया गयाय. प्रवक्ता ने बताया, "यह संवाददाता सम्मेलन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और भारतीय मीडिया द्वारा गिलानी, उनके परिवार वालों और पार्टी नेताओं के खिलाफ लगाए गए झूठे एवं आधारहीन आरोपों को खारिज करने के लिए बुलाया गया था."

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