कामकाजी महिलाओं में बढ़ रहा अवसाद  

कामकाजी महिलाओं में आजकल अवसाद के मामले बढ़ रहे हैं। इन महिलाओं को ऑफिस के काम के बाद घर भी संभालना पड़ता है। ऐसे में इन महिलाओं का पूरा समय काम में ही निकल जाता है और इन्हें आराम के लिए भी समय नहीं मिलता। अध्ययन के मुताबिक, जो महिलाएं एक हफ्ते में 55 घंटे से ज्यादा काम करती हैं, उन्हें अवसाद होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं जो महिलाएं एक सप्ताह में 35-40 घंटे काम करती हैं, वो ज्यादा स्वस्थ और तनाव मुक्त रहती हैं।इससे साफ है कि महिलाएं सिर्फ अपने ऑफिस में काम नहीं करती, बल्कि उनको अपने घर गृहस्थी भी संभालनी पड़ती है। इसके चलते उनके काम करने के घंटे बढ़ जाते हैं।'जो महिलाएं वीकेंड में भी काम करती हैं, वो ज्यादातर सर्विस सेक्टर की होती हैं और उनकी सैलरी दूसरों की तुलना में कम होती है। इससे भी वे अवसाद का शिकार हो जाती हैं। ऐसे में अवसाद से बचने ऑफिस में इन महिलाओं के काम के समय को कम करना होगा। 
इसके अलावा इस प्रकार इस समस्या से राहत पायें : 
कामकाज के घंटे तय करें और अपनी प्राथमिकताएं देखें। 
समय निकालकर हर दिन सैर पर जाएं। 
परिवार के साथ साल में एक बार किसी पर्यटन स्थल पर तारोताजा हों। 
संगीत सुने और योग व ध्यान का सहारा लें। 
 

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