किसान प्रदर्शन इफेक्ट, दिल्ली के सिंधु-टिकरी और गाज़ीपुर सीमा बंद होने से बढ़ेगे रोजमर्रा की चीजों के दाम 

नई दिल्ली । केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद पंजाब, यूपी, हरियाणा और राजस्थान समेत तमाम जगहों के किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर और दूसरी जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में दाखिल होने वाले दो रास्ते सिंधु-टिकरी बॉर्डर पूरी तरह से सील हो चुके हैं। पैदल जाने वाले भी बामुश्किल आ-जा पा रहे हैं। वहीं गाज़ीपुर बॉर्डर पर भी किसान डटे हुए हैं। यह वो बॉर्डर हैं जहां से दिल्ली के लिए रोज़ाना दूध के टैंकर और सब्जियों के ट्रक आते हैं। लेकिन दिन-बा-दिन बॉर्डर बंद होने और रास्ते में किसी अनहोनी के चलते ट्रक और टैंकरों की संख्या कम होती जा रही है।
कम हो गए पंजाब से आने वाले आलू के 200 ट्रक-आलू उत्पादक किसान समिति के महामंत्री आमिर ने बताया, पंजाब से दिल्ली रोज़ाना 250 ट्रक आलू के आते हैं। लेकिन अब इनकी संख्या घटकर 50 रह गई है। एक वजह तो यह कि पंजाब को दिल्ली से जोड़ने वाला सिंधु-टिकरी बॉर्डर पूरी तरह से बंद हो चुका है। यहां पर बड़ी संख्या में पंजाब के किसान बैठे हुए हैं। छोटी-मोटी संख्या दूसरे राज्यों के किसानों की भी है। यहां तकरीबन 14 से 15 हज़ार किसान मौजूद हैं। थोड़ा सा आलू यूपी से जा रहा है। क्योंकि नोएडा, बदरपुर बॉर्डर खुले हैं और गाज़ीपुर बॉर्डर पर अभी आने-जाने की कुछ छूट मिल रही है।
दिल्ली को यूपी-हरियाणा से मिल रही दूध में राहत-डेयरी संचालक निर्वेश शर्मा बताते हैं कि दिल्ली की दूध की एक बड़ी डिमांड यूपी-हरियाणा पूरी करता है। इसके बाद थोड़ा-थोड़ा हिस्सा पंजाब देता है। इस वक्त पंजाब से तो दूसरे रास्तों से होते हुए ना के बराबर दूध दिल्ली आ रहा है। ऐसे में हरियाणा-यूपी काफी हद तक दिल्ली की दूध की डिमांड को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। यूपी में भी पश्चिमी यूपी से लगने वाले गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान बैठे हुए हैं। लेकिन ऊपर से जाने का रास्ता खुला हुआ है।
दूसरा नोएडा वाले रास्ते पर अभी कोई परेशानी नहीं है। गुरुग्राम बॉर्डर पर किसान आते हैं चले जाते हैं। लेकिन सब्जी-दूध की बड़ी गाड़ी यहां से निकलने का जोखिम नहीं ले रही है। बदरपुर बॉर्डर भी खुला है। लेकिन इतना सब होने के बाद भी पंजाब के न होने पर दिल्ली की डिमांड को पूरी करना मुमकिन नहीं है।

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