केकेआर भज्जी की तीसरी टीम

चेन्नई । 1998 में महज 18 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले हरभजन सिंह का क्रिकेट सफर बदस्तूर जारी है। आईपीएल के 14वें सीजन में उन्होंने कोलकाता नाइटराइडर्स की ओर से डेब्यू किया। यह उनकी तीसरी फ्रैंचाइजी है। इससे पहले टर्बनेटर मुंबई इंडियंस के लिए 10 साल (2008-2017) फिर चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ तीन सीजन (2018-2020) का हिस्सा थे। इस साल नीलामी से पहले उन्हे सीएसके ने रीलिज किया तो कोलकाता नाइटराइडर्स ने इस अनुभवी ऑफ स्पिनर को अपने साथ जोड़ा। यूएई में खेले गए 13वें सीजन में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते भज्जी ने नाम वापस ले लिया था। 40 वर्षीय इस अनुभवी खिलाड़ी को अपने परिवार की चिंता थी क्योंकि भारत लौटने पर उन्हें पृथकवास में रहना होता, जो उन्हें मंजूर नहीं था। इस बार नीलामी में भज्जी ने अपनी बेस प्राइस 2 करोड़ रुपये रखी थी। इसी कीमत पर शाहरुख खान की मालिकाना हक वाली फ्रैंचाइजी ने उन्हें खरीद लिया। बेहद कम लोगों को उम्मीद थी कि भज्जी केकेआर की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे। विशेषज्ञों का मानना था कि टीम मैनेजमेंट उनके अनुभव का इस्तेमाल करेगा। वह कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती जैसे युवा स्पिनर्स को मार्गदर्शन देंगे, लेकिन सभी को चौंकाते हुए 699 दिन बाद हरभजन आईपीएल का कोई मैच खेलते हैं। हालांकि उन्हें केवल एक ही ओवर गेंदबाजी कराई गई। मैच जीतने के बाद कप्तान मॉर्गन ने कहा, 'भज्जी ने पहले ओवर में अच्छी शुरुआत की और बाद में हम उन्हें गेंदबाजी नहीं करा सके, लेकिन उनके अनुभव का इस्तेमाल अन्य को सलाह देने में किया।' बताते चले कि यह दूसरी पारी का पहला ओवर था। इस ओवर में उन्होंने आठ रन दिए जिसमें एक छक्का भी शामिल था। इसी ओवर में उनके पास डेविड वार्नर को आउट करने का मौका था, लेकिन फिल्डर का साथ नहीं मिल पाया। मुकाबले में टॉस जीतकर सनराइजर्स हैदराबाद ने केकेआर को बल्ला थमाया। ओपनर नीतिश राणा के 56 गेंद में 80 रन और राहुल त्रिपाठी के 29 बॉल में 53 रन के बूते केकेआर ने निर्धारित 20 ओवर में 187/6 रन बनाए। जवाब में सनराइजर्स हैदराबाद ने शुरुआती दो विकेट गंवाने के बाद वापसी की। जॉनी बेयरस्टो और मनीष पांडेय ने अच्छी बल्लेबाजी का मुजायरा किया। दोनों ने अर्धशतक लगाए, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला पाए।
 

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