कोरोना काल में मध्यप्रदेश से सॉफ्टवेयर निर्यात ने लगाई ऊंची छलांग

इंदौर. कोरोना वायरस संक्रमण (Corona virus Infection) काल में सूचना तकनीक से जुड़ी सेवाओं की मांग में वृद्धि का फायदा मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के चारों आईटी सेज (IT SEZ) को मिला है. और वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान इनमें से तीन सेज से सॉफ्टवेयर निर्यात ने दोगुने से भी ज्यादा ऊंची छलांग लगाई है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी थी. अधिकारी ने बताया कि 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष के दौरान टीसीएस सेज से सॉफ्टवेयर निर्यात 113.51 प्रतिशत बढ़कर 542.74 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

उसने बताया कि आलोच्य अवधि के दौरान इंफोसिस सेज से 114.06 प्रतिशत की बढ़त के साथ 70.17 करोड़ रुपये का सॉफ्टवेयर निर्यात किया गया. इस अवधि में इम्पीटस सेज से सॉफ्टवेयर निर्यात में 114.53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 96.22 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा. वर्ष के दौरान क्रिस्टल आईटी पार्क सेज से सॉफ्टवेयर निर्यात 3.55 प्रतिशत की बढ़त के साथ 452.27 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो पहले डॉक्टर को दिखाएं

वहीं, कल खबर सामने आई थी कि इंदौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मचे हाहाकार के बीच अच्छी खबर आई है. रविवार को एक ही दिन में 25 हजार इंजेक्शन की खेप आ गई. रविवार सुबह 5 हजार और शाम को 20 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिलिवरी हुई. शनिवार को भी 4 हजार इंजेक्शन आ गए थे. इन 25 हजार इंजेक्शन में से 15 प्रतिशत प्रदेश के जिला अस्पतालों में बंटेगी, जबकि 85 फीसदी 14 मेडिकल कॉलेजों में जाएगी. इधर, राहतभरी खबर ये भी है कि केंद्र सरकार ने रेमेडिसविर इंजेक्शन और रेमेडिसविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर रोक लगा दी है. रेमडेसिविर अब दुकान या किसी स्टॉकिस्ट से निजी व्यक्ति को नहीं दी जाएगी, यानी अब यह किसी दवा दुकान से नहीं बेची जाएगी. डॉक्टर्स ने बताया कि रेमडेसिविर उस वक्त लगवाएं जब सीटी स्कैन में 10% संक्रमण दिख रहा हो, लेकिन ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से कम हो और बीमारी के लक्षण भी हों. रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो पहले डॉक्टर को दिखाएं.
 

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