चार धाम यात्रा मार्ग पर 20 दिन में 17 श्रद्धालुओं की मौत, आप बरतें ये सावधानियां

देहरादून। 28 अप्रैल से शुरू हुई चार धाम यात्रा के दौरान अब तक 17 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ मार्ग पर हुई हैं, जहां 8 यात्रियों ने प्राण त्यागे। वहीं बद्रीनाथ मार्ग पर तीन, तो गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग पर छह श्रृद्धालुओं का निधन हुआ है।

17 में से 16 लोगों का निधन हार्ट अटैक से हुआ है। इसके बाद प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं का उचित बंदोबस्त नहीं किया गया है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों को अपनी लापरवाही की कीमत चुकाना पड़ी है। यात्रा के दौरान बताई गई जरूरी सावधानियां नहीं बरती जा रही हैं। यही कारण है कि अधिक उम्र वाले यात्रियों पर हायपोथेर्मिया (शरीर का तापमान घटना) और हायपोजेमिया (शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना) का अटैक हो रहा है और इससे हृदय गति थमने का खतरा बढ़ रहा है।

चार धाम यात्रा के स्वास्थ्य विभाग की नोडल अधिकारी डॉ. तृप्ति बहुगुणा के मुताबिक, 17 में से एक यात्री का निधन सिर पर चोंट लगने से हुआ है। शेष मामले हृदय गति रुकने के हैं। कुछ मामलों में शरीर का तापमान घटना और ऑक्सीजन की कमी होना है। वहीं कुछ अन्य मामलों में कारण स्पष्ट नहीं हुआ है।

मृतकों में दस पुरुष और नौ महिलाएं हैं। ये महाराष्ट्र, केरल, गुजरात और राजस्थान के बताए गए हैं। मृतकों में 40 वर्षीय महिला भी है, जो दर्शन के लिए लाइन में लगी थी और हार्ट अटैक से मौत हो गई।

अधिकारियों का मानना है कि इस बार मृतकों का यह आंकड़ा पिछले साल से ज्यादा है। 2016 में छह माह चली यात्रा के दौरान कुल 39 यात्रियों की मौत हुई थी।

आप भी जा रहे हैं तो बरतें ये सावधानियां

– 60 साल या इससे अधिक उम्र के तीर्थ यात्री अपना खास ख्याल रखें।

– जिन्हें हाईब्लड प्रेशर, डायबिटीज, सांस संबंधी समस्याएं हैं, वे अपने साथ जरूरी दवाएं जरूर रखें।

– कई यात्री साधारण कपड़ों और जूतो में ही यात्रा करते हैं। यह बहुत घातक हो सकता है। शरीर को ठंड से बचाने के लिए खास बंदोबस्त किए जाने चाहिए।

– यदि कोई मरीज डायबिटीज का शिकार है तो उसे यात्रा के दौरान उपवास नहीं रखना चाहिए।

– शरीर को मिलने वाले संकेतों को पहचाने और उसके अनुसार काम करें। शरीर थक गया है तो भी यात्रा जारी न रखें। आराम करते हुए आगे बढ़ें।

– ऑक्सीजन की कमी महसूस हो तो तुरंत ही हेल्थ चेक पोस्ट से मदद मांगे। हर 1.5 किमी पर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए गए हैं।

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