चिटफंड मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

नई दिल्ली । केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) रोज वैली और सारदा चिटफंड घोटाले में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को पूछताछ के लिए तलाश कर रही है। सीबीआई उन्हें कुछ अहम फाइलों और दस्तावेजों के गायब होने के सिलसिले में उनसे पूछताछ करना चाहती है, जबकि वह सीबीआई से बचते घूम रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सीबीआई उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। सीबीआई कुछ अहम फाइलों और दस्तावेजों के गायब होने के सिलसिले में कुमार से पूछताछ करना चाहती है। वह सीबीआई की तरफ से जारी नोटिसों का जवाब नहीं दे रहे हैं। कुमार ने चिटफंड घोटालों की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का नेतृत्व किया था। 
राजीव कुमार पश्चिम बंगाल काडर के 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। सूत्रों ने बताया कि चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों की एक टीम उनसे मिलने कोलकाता पहुंची थी, लेकिन वह उस बैठक में भी नहीं गए। 
वह शुक्रवार को अपने दफ्तर गए थे। उनके स्टाफ ने बताया इस बात की बहुत कम संभावना है कि वह अब दफ्तर आएंगे। स्टाफ ने कहा सोमवार को देख लीजिए या फिर उनके घर फोन कर लीजिए। स्टाफ ने उनके घर का जो नंबर दिया, उसे डायल करने पर फोन नहीं मिला। जबकि, उनके मोबाइल नंबर पर फोन करने पर वह फोन नहीं उठा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बांग्ला फिल्म निर्माता श्रीकांत मोहिता की गिरफ्तारी के बाद से ही कुमार अपनी गिरफ्तारी को लेकर आशंकित हैं। कुछ चश्मदीदों के मुताबिक, कुमार को कुछ दिन पहले एक बुक फेयर में देखा गया था। कुमार को 2016 में कोलकाता का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था। बता दें कि रोज वैली स्कैम 15,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का है और सारदा स्कैम करीब 2500 करोड़ रुपये का है। अधिकारियों के मुताबिक, दोनों ही मामलों में आरोपियों के कथित तौर पर सत्ताधारी टीएमसी से लिंक पाए गए हैं। इन दोनों ही चिटफंड घोटालों की जांच सीबीआई कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि इन चिटफंड कंपनियों ने आकर्षक ब्याज का लालच देकर निवेशकों को अपनी जाल में फंसाया। मैच्योरिटी के बाद जब जमाकर्ता अपना धन लेने पहुंचे तो कंपनियों ने पैसे देने से मना कर दिया। आखिरकार इन कंपनियों ने अपनी दुकानों और दफ्तरों को बंद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में इन मामलों को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था।

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