जल्द खुलेगा मध्य प्रदेश में प्रमोशन का रास्ता

भोपाल| मध्य प्रदेश में कर्मचारी अधिकारियों के प्रमोशन का रास्ता जल्द खुलने वाला है| रविवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करने के निर्देश दिए। स्पीकर ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ कांग्रेस भाजपा के चार चार विधायकों को बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा कर रास्ता निकालें| बीजेपी विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने सदन में प्रमोशन का मुद्दा उठाया था| 

बीजेपी विधायक सीताशरण ने गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा आखिर कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ स्टे दिया था फिर सामान्य वर्ग के प्रमोशन क्यों रोके गए| वहीं प्रथम श्रेणी अधिकारियों के प्रमोशन कैसे हो रहे हैं | नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा ने भी इस मामले में सीता शरण का समर्थन किया| मामले पर सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने भी चिंता जताई। उन्होंने इस मामले पर जल्द ही विधि विशेषज्ञों से सलाह लेने की बात कही। कंडीशनल प्रमोशन का भी रास्ता बताया। विधानसभा अध्यक्ष बोले प्रथम श्रेणी अधिकारियों के प्रमोशन लगातार हो रहे हैं और उन्हें इस मामले को सुलझाने में कोई रुचि नहीं। कहीं ऐसा ना हो कि किसी दिन मुझे निर्देश देने पड़े कि अब इनके भी प्रमोशन बंद हो इसीलिए मामला जल्द सुलझाया जाए | 

सूत्रों के मुताबिक, हर साल 10 से 12 हजार अधिकारी-कर्मचारी बिना पदोन्नति ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।  दरअसल, हाईकोर्ट ने राज्य के वर्ष 2002 के पदोन्नति में आरक्षण के नियमों को 2016 में रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता।  इसके खिलाफ तत्कालीन शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई | सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही बताते हुए मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे। तभी से यह मामला कोर्ट में लंबित है।

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