टीवी चैनल्स के ऑफर पर ‎शिकंजा कसेगा ट्राई 

नई दिल्ली । टेलीकॉम रैगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के ब्रॉडकास्टिंग एवं केबल सेवाओं के लिए बनाए गए नए नियम 29 दिसम्बर 2018 से लागू हो गए हैं। इसके बाद से टीवी चैनल ब्रॉडकास्टर और डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑप्रेटर्स ग्राहकों को बनाए रखने के लिए नए-नए ऑफर्स लेकर आ रहे हैं। इन ऑफर्स के तहत ब्रॉडकास्ट और ऑप्रेटर कुछ चुनिंदा चैनलों को ग्राहकों को डिस्काउंट पर उपलब्ध करा रहे हैं। अब इन ऑफर्स पर ट्राई शिकंजा कसने जा रहा है जिसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर होगा। ट्राई ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है जिसके के जरिए ट्राई के सभी स्टेकहोल्डर्स ने इन ऑफर्स पर प्रतिबंध या इनके लिए सीमा तय करने संबंधी सुझाव मांगे हैं। ट्राई ने कहा है कि नए रैगुलेटरी फ्रेमवर्क का मकसद टीवी के दर्शकों को अपनी पसंद के चैनल चुनने का अधिकार देना था। इसके जरिए दर्शक अपने मासिक केबल बिल को कंट्रोल कर सकते थे। लेकिन टीवी चैनल ब्रॉडकास्टर और डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑप्रेटर इन नियमों के खिलाफ नए-नए ऑफर लेकर आ गए हैं। नए नियमों में ब्रॉडकास्टर और ऑप्रेटर्स को ग्राहकों के हित में चैनल्स का बंडल ऑफर करने की छूट मिली हुई है। इस छूट का फायदा उठाते हुए ब्रॉडकास्टर और ऑप्रेटर एक निश्चित कीमत में कई चैनलों की पेशकश कर रहे हैं। 
ट्राई का मानना है कि इनमें कई चैनल ऐसे होते हैं जिनसे दर्शकों को कोई फायदा नहीं होता है। ऐसे में दर्शकों को बेवजह गैर-पसंदीदा चैनलों के लिए भुगतान करना होता है। चूंकि नए नियमों में इस पर लगाम लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में टीवी दर्शकों के हित में ट्राई इन ऑफर्स पर लगाम लगाना चाहती है। ट्राई की ओर से जारी कंसल्टेशन पेपर्स के अनुसार उदाहरण के तौर स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एसवीपी हिन्दी बकेट में 15 चैनल दिए हैं, जिनकी एक माह की कीमत 75.10 रुपए है। ऑफर के तहत 34.8 फीसदी छूट के साथ यह 49 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें टैक्स अलग से है। इसी प्रकार एसवीपी. तेलुगु में शामिल चैनलों की एक माह की कीमत 63 रुपए होती है, लेकिन इसे 38.10 फीसदी के डिस्काउंट के साथ 39 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार अन्य ऑप्रेटर भी डिस्काउंट के साथ अपने चैनल्स का बकेट ऑफर कर रहे हैं।

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