ट्रंप का नया दुश्मन पुरानी यूरोपियन कारें, बताया अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा

वॉशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने फैसलों को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहते है। अब उनके सचिव ने उन्हें एक रिपोर्ट सोंही है जिसमें उनके एक नए दुश्मन का उल्लेख है। और यह नया दुश्मन है पुरानी यूरोपियन कारें। अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी विल्बर रोस ने एक रिपोर्ट हाल ही में ट्रंप को सौंपी है जिसमें कहा है कि पुरानी यूरोपियन कारों को आयात करना अमेरिका की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के बीच संबंध डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के वक्त से ही उतार-चढ़ाव से भरे रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने तो आतंकवाद से निपटने के लिए यूरोपियन मिलिटरी फोर्स बनाए जाने की भी मांग की है क्योंकि यूएस सुरक्षा बलों से सहायता का उन्हें अब भरोसा नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी यूरोप से आयात होनेवाली कारों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्ट टैरिफ लगाने की धमकी दे चुके हैं। ट्रंप ने खास तौर पर यह धमकी जर्मनी से आयात होनेवाली कारों के लिए दी थी। 
अमेरिका के बाजार की हालत देखें तो अमेरिकन ऑटो बाजार में यूरोपियन कारों की धमक नहीं है। 2017 में 17 मिलियन कार अमेरिका में बिकी, जिनमें से आधी ही इंपोर्टेड थीं। अमेरिका में बिकनेवाली ज्यादातर कारें या तो मेक्सिको की हैं या फिर कनाडा। ट्रंप ने पूर्व में कनाडा पर भी मेक्सिको में कार फैक्ट्रियां लगाने को लेकर निशाना साधा था। हालांकि, बाद में मेक्सिको और कनाडा के साथ अमेरिका ने बाद में संशोधित ट्रेड डील जरूर साइन की है। जर्मनी का कहना है कि अमेरिका में सिर्फ 470,000 कार निर्यात की जाती है। जर्मन मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन की तरफ से यह डेटा दिया गया है। इसका सीधा मतलब है कि अमेरिका की सड़कों पर दौड़नेवाली बीएमडब्लू और मर्सेडीज जैसी कारों का निर्माण अमेरिकी यूनिट में ही हो रहा है। अमेरिका के अलबामा में मर्सेडीज और साउथ कैरलिना में बीएमडब्लू का प्लांट है। ट्रंप के कॉमर्स सचिव की तरफ से दी गई रिपोर्ट हकीकत में ट्रंप के विचारों का ही आईना भर है। ट्रंप की व्यापार नीति का सीधा आधार है कि कौन ज्यादा बेच रहा है और कौन ज्यादा खरीद रहा है। अमेरिका का यूरोपियन यूनियन के साथ ट्रेड डेफेसिट का है। यही कारण है कि भारत के साथ भी वाणिज्यिक संबंधों पर ट्रंप जीरो टैरिफ नीति को खत्म करने पर विचार कर रहे हैं। 

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