ट्रंप के फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगी गूगल, फेसबुक समेत 100 कंपनियां

गूगल, फेसबुक और एप्पल समेत सिलिकॉन वेली की करीब 100 टेक्नोलॉजी कंपनियां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रवासियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ अदालत में लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट हो गई हैं।
 
कंपनियों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के प्रतिबंधों से अमेरिका की अर्थव्यवस्था टूट सकती है। हालांकि इस पर ट्रंप प्रशासन से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है लेकिन कंपनियों की अपील पर इसी हफ्ते सुनवाई होगी।

सेन फ्रांसिस्को आधारित नौंवे सर्किट में इसी सप्ताह होने वाली सुनवाई के लिए भेजी सूचना में करीब 100 तकनीकी कंपनियों ने कहा है कि – ‘ट्रंप द्वारा सात मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अस्थायी यात्रा प्रतिबंध से उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा।’ कंपनियों ने अदालत को तर्क दिया कि – ‘यह कदम प्रवासी कानून और अमेरिकी संविधान का भी उल्लंघन होगा।’

यद्यपि अमेरिका की एक निचली अदालत ने ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक लगा दी है लेकिन ट्रंप प्रशासन द्वारा अपने आदेश को पुनर्स्थापित करने के लिए अदालती लड़ाई लड़ने की घोषणा के बाद कंपनियों ने यह कदम उठाया है।

कंपनियों ने अदालत में न्याय मित्र से कहा कि – ‘अमेरिका से प्रवासियों को हटाने के सिर्फ कारोबार ही प्रभावित नहीं होगा बल्कि इसके बहुत ही खतरनाक प्रभाव सामने आएंगे।’ उन्होंने भावुक अंदाज में लिखा कि – ‘जिन लोगों ने अपना सब कुछ उनके देश में छोड़कर एक अंजान धरती पर सिर्फ रचनात्मकता और संकल्प लेकर काम की तलाश में आए हैं उन्हें आने से रोकना अमानवीय भी होगा।’ 

कंपनियों के इस टकराव के पीछे हिलेरी का हाथ संभव!

कंपनियों के इस कदम से ट्रंप और तकनीकी उद्योग के बीच तनावपूर्ण संबंध कायम होने का खतरा है। ऐसे में इस टकराव के पीछे हिलेरी क्लिंटन का हाथ माना जा रहा है। माना जा रहा है कि आम चुनाव में ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन ने इन कंपनियों को पीछे से अपना समर्थन दे रखा है।

इससे पहले टेक उद्योग के शीर्ष अधिकारी पूरे मामले पर संतुलन साधने की कोशिश भी कर चुके हैं। कई शीर्ष अधिकारियों ने शुरूआत में ट्रंप प्रशासन के साथ काम करने की कोशिश भी की, लेकिन प्रवासियों पर प्रतिबंध से उन्हें काफी नुकसान होते दिखाई देने के बाद कंपनियों ने रणनीति बदली।

माइक्रोसॉफ्ट, उबेर, ट्विटर व इंटेल समेत बाहर की कंपनियां भी शामिल

ट्रंप के फैसले के खिलाफ अदालत जाने वाली कंपनियों में एप्पल, फेसबुक और गूगल के अलावा माइक्रोसॉफ्ट, उबेर, ट्विटर, इंटेल, स्नेपचैट जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। इसे नेटफ्लिक्स, अमेजॉन, एक्सपीडिया जैसी कंपनियों ने भी अपना समर्थन दिया है।

इनके अलावा टेक कंपनियों से बाहर की कंपनियां भी अदालत में ट्रंप के खिलाफ अपील करने में शामिल हैं। इनमें दही बनाने वाली कंपनी चोबानी, स्नैक्स बनाने वाली काइंड और फैशन ब्रांड लेवी स्ट्राउस भी शामिल हैं।

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