देव-दीपावली के मौके पर पीएम मोदी का अन्नदाता को संदेश, कानून के नाम पर सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा

वाराणसी ।पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन के बीच सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों को खास तौर पर याद किया। पीएम ने अपने संबोधन में काशी के किसानों को अन्नदाता बताकर उन्हें नमस्कार किया। पीएम मोदी ने विपक्ष पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाकर कहा कि दशकों तक किसानों के साथ छल हुआ है और अब ऐसा करने वाले ही देश के अन्नदाताओं में भ्रम फैला रहे हैं। पीएम ने अपने भाषण में किसानों के हर सवाल का जवाब देने की कोशिश की। पीएम मोदी ने इस मौके पर किसानों के हर सवाल का जबाव देते हुए कहा कि कृषि कानून पर किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने किसानों के साथ छल किया है वे ही अब किसानों में भ्रम फैला रहे हैं। नए कानून किसानों को विकल्प देने वाला है।
पीएम ने कहा कि हमारी सरकार मंडियों को और आधुनिक बनाने के लिए करोड़ो रुपये खर्च कर रही है। एमएसपी पर किसानों की उपज बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि आपको याद रखना है कि यही लोग हैं कि पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर सवाल उठाते थे। ये लोग अफवाह फैलाते थे। एक राज्य ने किसान सम्मान योजना को अपने राज्य में लागू ही नहीं होने दिया। कुछ लोग तो अपनी राजनीति बचाने के लिए ऐसा किया। अगर कोई पुराने सिस्टम से लेनदेन को उचित समझता है,तब इस कानून में कोई रोक नहीं है। नए कृषि सुधारों से नए विकल्प और किसानों कानूनी संरक्षण दिए गए हैं।
पिछले कुछ समय से अलग ही ट्रेंड देश में दिखाई दे रहा है। पहले अगर सरकार का कोई फैसला पसंद नहीं आता था तब विरोध होता था। पर अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि भ्रम फैलाया जाता है। ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ छल किया था। पहले एमएसपी तो था लेकिन उसपर खरीद नहीं होती थी। सालों तक एमएसपी को लेकर छल किया गया। किसानों को नाम पर पहले की सरकारों ने छल किया है। योजनाओं के नाम पर छल, किसानों के नाम पर छल, खाद पर छल। फर्टिलाइजर खेत से ज्यादा कालाबाजारियों के पास पहुंच जाता था। पहले वोट के लिए वादा और फिर छल। यही लंबे समय तक देश में चलता रहा है। जब इतिहास छल का रहा हो तब दो बातें काफी स्वाभाविक है, पहली ये किसान अगर सरकार की बातों से आशंकित रहता है तो इसके पीछे दशकों तक का लंबा छल का इतिहास है। जिन्होंने वादे तोड़े, छल किया उनके लिए ये झूठ फैलाना एक तरह से आदत और मजबूरी बन गई है। क्योंकि उन्होंने ऐसा ही किया था। इसलिए वही फार्मूला लगाकर यही देख रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आशंकाओं के आधार पर भ्रम फैलाने वालों की सच्चाई लगातार देश के सामने आ रही है। जब एक विषय पर इनका झूठ किसान समझ जाते हैं तो वे दूसरे विषय पर झूठ फैलाने लग जाते हैं। 24X7 इनका यही काम है। जिन किसान परिवारों को कोई चिंताएं है तो उनका जवाब देने का काम भी सरकार दे रही है और उसकी कोशिश कर रही है। हमारा अन्नदाता आत्मनिर्भर भारत की आगुवाई करेगा। आज जिन किसानों पर कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं वो भी भविष्य में इन सुधारों का लाभ उठाकर अपना आय बढ़ाएंगे मेरा ये पक्का विश्वास है।
पीएम ने कहा काशी की जनता को प्रणाम करते हुए कहा, 'राजा तालाब, मिर्जामुराब, कच्छवा, कपसेठी, रोहनिया और सेवापुरी क्षेत्र के अन्नदाता को प्रणाम है। आप सभी को देव दीपावली और गुरु पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं।' बता दें कि केंद्र सरकार की कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली का हुक्का-पानी बंद करने की चेतावनी दी है। इस बीच, केंद्र सरकार भी ऐक्टिव हो गई है और किसानों से बात करने की तैयारी में है।
किसानों को नाम पर पहले की सरकारों ने छल किया है। योजनाओं के नाम पर छल, किसानों के नाम पर छल, खाद पर छल। फर्टिलाइजर खेत से ज्यादा कालाबाजारियों के पास पहुंच जाता था। पहले वोट के लिए वादा और फिर छल। यही लंबे समय तक देश में चलता रहा है।

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