देश के दो सबसे बड़े दुश्मनों को लेकर उदासीन हैं भारतीय सरकार!

हाफिज-दाउद पर बड़ा खुलासा, हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं भारतीय एजेंसियां!

दुनिया के दुर्दांत आतंकवादी और भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद के साथ ही भारत के दूसरे सबसे बड़े दुश्मन दाऊद इब्राहीम को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। देश के इन दोनों दुश्मनों को लेकर खुलासा हुआ है कि भारत सरकार इन्हें ठिकाने लगाने या भारत वापस लाने के कोई खास प्रयास नहीं कर रही है। इसका मतलब है कि सरकार की तरफ से अबतक जो भी बयान आते रहे हैं, वो महज दिखावा है।
 
दरअसल, एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि भारत सरकार या उसकी किसी भी एजेंसी ने देश के दोनों सबसे बड़े दुश्मनों को भारत प्रत्यर्पित कराने को लेकर कोई प्रयास तक नहीं किया है। विदेश मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में लिखा है कि दोनों को भारत प्रत्यर्पित कराने को लेकर अबतक कोई पत्र तक नहीं लिखा गया है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या अभी तक इन दोनों के बारे में सरकारें जो दावे करती रही हैं, वो झूठे हैं?

विदेश मामलों के मंत्रालय की तरफ से आरटीआई के जवाब में साफ कहा गया है कि न तो मुंबई धमाकों के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहीम और न ही मुंबई हमलों के मास्टरमाइड हाफिज सईद के प्रत्यर्पण से संबंधित कोई पत्र मिला है। ये जवाब उस आरटीआई के जवाब में आया है, जिसमें पूछा गया था कि दोनों दुर्दांत दुश्मनों को भारत लाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।

 
दाऊद इब्राहीम साल 1993 के मुंबई धमाकों का अभियुक्त रहा है। उन धमाकों में 260 लोग मारे गए थे, तो करीब 700 लोग घायल हुए थे। इसके बाद से माना जा रहा है कि दाऊद पाकिस्तान में छिपा बैठा है। हाफिज सईद पाकिस्तान से संचालिल लश्कर-ए-तैयबा का मुखिया है। उसपर 26-11 मुंबई अटैक का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है। उस हमले में 166 लोग मारे गए थे।

अप्रैल में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि दाऊद के पाकिस्तान में छिपे होने पर कोई शक नहीं है। वो अभी भी पाकिस्तान में है। भारत दाऊद पर आरोपों को लेकर पाकिस्तान को पिछले 10 सालों पर कई बार डोजियर सौंपता रहा है, पर आरटीआई से मिला जवाब ये बताता है कि भारत सिर्फ डोजियर ही सौंपता रहा है। दोनों को भारत प्रत्यर्पण को लेकर किसी भी एजेंसी ने अबतक अनुरोध ही नहीं किया।

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