दोस्ती में दरार? ईरान से तेल आयात 20% कम करेगा भारत

पहले जैसे नहीं रहे संबंध, ईरान से तेल के आयात में 20 पर्सेंट की कमी करेगा भारत

नई दिल्ली
ईरान से तेल खरीदने वाले देशों में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है। लेकिन, अब देश की सरकारी तेल रिफाइनर्स ने 2017-18 में ईरान से तेल की खरीद में 20 पर्सेंट तक की कटौती करने का फैसला लिया है। फरजाद गैस फील्ड को भारतीय कंपनियों को दिए जाने में ईरान की अरुचि को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। न्यूक्लियर प्रोग्रोम के चलते ईरान पर जिस दौर में पश्चिमी देशों ने तमाम प्रतिबंध लगा दिए थे। उस दौर में भी भारत उन कुछ देशों में से था, जिन्होंने ईरान से तेल की खरीद लगातार जारी रखी थी।

हालांकि कुछ प्रतिबंध हटने के बाद से पिछले कुछ दिनों में भारत और ईरान के बीच संबंध पहले जैसे नहीं रहे हैं। खासतौर पर ईरान की ओर से अपने तेल और गैस की अधिक कीमत हासिल करने के प्रयासों के चलते ऐसा हुआ है। ईरान से नाखुश भारत सरकार के तेल मंत्रालय ने सरकारी रिफाइनरियों से इस खाड़ी देश से किए जाने वाले आयात में कटौती करने को कहा है। एक भारतीय सूत्र ने बताया, 'हम धीरे-धीरे आयात में यह कटौती कर रहे हैं। यदि हमारी कंपनी को लेकर फरजाद बी गैस फील्ड पर कोई प्रगति नहीं हुई तो यह कटौती और अधिक बढ़ाई जा सकती है।'

इंडियन रिफाइनर्स की ओर से नैशनल ईरानियन ऑइल कंपनी के प्रतिनिधियों को बताया गया है कि वे ईरान से खरीदे जाने वाले कच्चे तेल में 20 पर्सेंट तक की कटौती करने वाले हैं। ईरानी कंपनी के साथ मीटिंग में भारतीय अधिकारी ने कहा कि हम फिलहाल 2,40,000 बैरल कच्चा तेल प्रतिदिन खरीदते हैं, जिसे अब हम 1,90,000 बैरल तक ही सीमित करने जा रहे हैं।

इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन, मैंगलोर रिफाइनरी ऐंड पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन की ओर से आयात में प्रतिदिन 20,000 बैरल तक की कमी करने की योजना है। इसके अलावा भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम भी आयात में प्रतिदिन 10,000 बैरल तक की कमी की योजना बना रहे हैं।

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