दोस्‍त को किडनी डोनेट करने के लिए घटाया 40 पौंड वजन

जिस क्षण 33 वर्षीय रिबेक सिडेरो ने पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर की मैराथन की फिनिश लाइन पार की, जीवन में पहली बार उसने गहराई से महसूस किया कि वह एक धावक है।

कुछ दिनों पहले रिबेक का वजन 200 पौंड था। पेनीसिल्‍विया में रहते हुए वह रेस्‍टोरेंट में खाती थी और अपने तीन साल के बच्‍चे को संभालती थी।

उसे हालातों को चुनौती देने का अवसर मिला जब उसने एक मित्र की फेसबुक पोस्‍ट देखी। यह मित्र किडनी की बीमारी से जूझ रहे क्रिस मूरे का सहकर्मी था।

पोस्‍ट में लिखा था कि किस तरह क्रिस को डॉक्‍टरों ने किडनी ट्रांसप्‍लांट के लिए कहा था। यह सब पढ़कर सिडेरो को धक्‍का सा लगा।

वह कहती है कि जब आप तीस साल के होते हो तब आप केवल शादी, सेटलमेंट आदि के बारे में सोच रहे होते हो लेकिन यह नहीं सोचते कि जीवन को किस तरह बचाया जाए।

मैंने भी अपने मामले में पाया कि किसी ने भी मेरी मदद की पहल नहीं की इसलिए मैंने खुद ही कुछ करना तय किया।

इसके बाद उसने मूरे को किडनी दान देना तय किया। उसने फेसबुक पर मूरे को मैसेज भेजा और संयोग से दोनों का ब्‍लड ग्रुप समान निकला।

सिडेरो ने तत्‍काल अंगदान की प्रक्रिया शुरू की। अपनी जांच करवाई। लेकिन उसका वजन 213 पौंड था जो कि अनुचित था।

नियम के अनुसार दानदाता की उम्र 40 से कम होना चाहिए और उसका शरीर मोटापे से ग्रस्‍त नहीं होना चाहिए, ताकि मरीज को आजीवन समस्‍याएं ना हों। यानी सिडेरो को 15 पौंड वजन घटाना था।

डॉक्‍टर अमित तेवार ने बताया कि हमारा काम डोनर की सारी प्रक्रियाएं सुरक्षित तरीके से पूरा कराना है। हम रिस्‍क नहीं लेते। समय से पहले मोटे होने वाले लोगों को टाइप टू डायबिटीज का खतरा रहता है।

इससे किडनी क्षतिग्रस्‍त होने का खतरा रहता है। सिडेरो ने बताया कि मेरा वजन मेरे मित्र की जान बचाने में आड़े आ रहा था, यह जानकर बुरा लगा। उसने अपनी जीवनशैली बदली।

वजन घटाने के कई तरीके आजमाना शुरू किए। रोजाना 5 किमी दौड़ना शुरू किया। कुछ ही महीनों में उसका वजन 40 पौंड घट गया। उसने मैराथन दौड़ 14 मिनट में ही तय कर ली।

सिडेरो ने बताया कि यह सबसे बड़ी चुनौती थी। अब मूरे सिडेरो को अपनी प्रेरणा मानते हैं। अब डॉक्‍टर तीन महीने बाद सर्जरी करने वाले हैं।

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