धैर्य से बनते हैं काम

कैरियर बनाने के दौरान कई बार हम जो सोचते हैं, परिस्थितियां उसके एकदम विपरीत हो जाती हैं। ऐसे में धैर्य से काम लेने वालों को ही अपनी मंजिल मिलती है। हालात मुश्किल हैं और ऐसे में परिस्थिति को संभालने के बजाए हम बेचैन हो जाएंगे तो बनता काम भी बिगड़ जाता है। हालात को स्वीकारना और विपरीत परिस्थिति में भी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ना हिम्मत की बात होती है। ऐसे ही लोग अपनी मंजिल पा सकते हैं।
मुश्किल हालात रखें ये ध्यान :
हर किसी का काम करने, सोचने-समझने का तरीका अलग होता है। कुछ तुरंत कदम उठा लेते हैं, तो कुछ हर तरह से सोच-समझकर आगे बढ़ते हैं। किस हालात में हम कैसी प्रतिक्रिया देंगे, क्या कदम उठाएंगे, यह इस पर भी निर्भर है कि हम क्या चाहते हैं? ,‘हमारे जीवन की गुणवत्ता इस बात का दर्पण है कि हम खुद से क्या सवाल पूछते हैं।’
धैर्य रखना आसान नहीं होता। जो रखते हैं, वे जानते हैं कि उसका उन्हें फायदा ही हुआ है। सब्र की वजह से कई मुश्किल सवाल स्वयं हल हो जाते हैं और कई बड़े काम बिगड़ने से बच जाते हैं। ,‘धैर्य, शांति से यह स्वीकारना है कि हमारे काम उन तरीकों से भी पूरे हो सकते हैं, जो सोचे नहीं थे।’
कठिन हालात में भी अच्छे व्यवहार का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। बेचैन होकर बिफरना, छोटी सी बात पर रिश्तों से मुंह मोड़ लेना या अपने जरा से फायदे के लिए दूसरों का बड़ा नुकसान कर देना बड़ा ही आसान होता है इससे आप कई रास्ते बंद कर लेते हैं। मुश्किल है तो उसे बचाए रखना, जो दरअसल आप हैं। कहा जाता है कि अच्छे स्वभाव वाला व्यक्ति वो सब पा लेता है, जो पाने की वह इच्छा रखता है।

 

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