नार्वे दुनिया का सबसे खुशहाल देश, दक्षिण एशिया का सबसे दुखी देश भारत

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में नॉर्वे दुनिया का सबसे खुश देश घोषित किया गया है. पिछले साल डेनमार्क इस लिस्ट में पहले नंबर पर था.

द वर्ल्ड हैप्पिनेस रिपोर्ट' के मुताबिक, किसी देश की खुशहाली जानने का पैमाना समाजिक सुरक्षा, रहन-सहन और न्याय अहम है. खुशी मापने के तरीकों में आर्थिक विकास, सामाजिक सहायता, जिंदगी अपने ढंग से जीने की आजादी, औसत उम्र, उदारता और भ्रष्टाचार जैसे कई कारकों को भी ध्यान में रखा जाता है.

इस साल की लिस्ट में नॉर्वे, डेनमार्क, आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और फिनलैंड दुनिया के पांच सबसे खुशहाल देश हैं. वहीं इस रिपोर्ट में केंद्रीय अफ्रीका को दुनिया का सबसे दुखी देश बताया गया है.

दक्षिण एशिया में सबसे दुखी देश भारत

आपको बता दें कि इस लिस्ट में भारत 122वें स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान क्रमशः 80वें, 110वें, 99वें और 97वें पर हैं.

लंबे वक्त से गृहयुद्ध की मार झेल रहा सीरिया 152 वें स्थान पर है, जबकि यमन और सूडान जहां अकाल जैसे हालात है, उन्हें 146 और 147 वें नंबर पर रखा गया है.

संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ल्ड हैप्पिएस्ट डे 20 मार्च को मनाया जाता है. इस बार संयुक्त राष्ट्र के खुशहाल देशों की लिस्ट भी उसी दिन जारी की गई है.

इसके तहत हर साल दुनिया के डेढ़ सौ देशों में 1000 इंसानों से मनोवैज्ञानिक प्रकृति के सवाल किए जाते हैं.

इस बार एक सवाल यह भी पूछा गया था कि आखिर अमेरिका में स्थायी आर्थिक विकास के बावजूद भी सुख का स्तर कम क्यों होता जा रहा है. इस रिपोर्ट को तैयार करने वालों का कहना है कि अमेरिका में सिर्फ आर्थिक विकास पर ध्यान दिया जाता है, लेकिन खुश रहने के लिए सिर्फ ये वजह काफी नहीं है.

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