पंजाब में अन्नदाताओं पर मौसम की मार, तबाह हो गई 90 हजार एकड़ फसल

पिछले दिनों पंजाब में हुई जोरदार बारिश और उसके बाद बाढ़ फसलों पर आफत बन कर आई है। मालवा में पानी ने जमकर तबाही मचाई। करीब 90 हजार एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है।खेतीबाड़ी विभाग ने सभी जिलों से फीडबैक लेने के बाद अपनी प्राथमिक रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। इसके मुताबिक सबसे ज्यादा करीब 28 हजार एकड़ फसल का नुकसान बठिंडा में हुआ है। 

मालवा के पांच जिलों में फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। बठिंडा के अलावा फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, मुक्तसर और संगरूर में काफी नुकसान हुआ है। खरीफ सीजन की मुख्य फसलें धान और कपास के अलावा मक्की, चारे और सब्जियां प्रभावित हुई है। बठिंडा जिले के बठिंडा, तलवंडी साबो और रामपुरा ब्लॉकों में ज्यादा नुकसान हुआ है। 

जिले में कपास की 16340 एकड़ फसल में 12339 एकड़ को नुकसान पहुंचा है। फतेहगढ़ साहिब जिले में सबसे ज्यादा नुकसान सरहिंद और खमाणो ब्लॉक में हुआ है। यहां बारिश और बरसाती पानी का निकास न होने से समस्या आई।

 

धान, मक्की और चारे की फसलें प्रभावित हुईं। पटियाला जिले में झूनरहेड़ी और घनौर ब्लॉक में नुकसान ज्यादा हुआ है। यहां धान की 6461 एकड़, मक्की की 156 एकड़ और चारे की 590 एकड़ फसल को नुकसान हुआ है। बरसाती पानी का निकास न होना यहां भी कारण बना। 

मुक्तसर जिले में ज्यादा नुकसान गिद्दड़बाहा और मुक्तसर ब्लॉकों में हुआ है। धान की 19745 और कपास की 3917 एकड़ फसल प्रभावित हुई है। तेज हवाएं और बरसाती पानी की निकासी न होना वजह बनी। संगरूर जिले में मूनक, सुनाम और लहरागागा में ज्यादा नुकसान हुआ। धान व बासमती की 18775 एकड़, कपास की 1105, मक्की की 500, चारे की 1330 और सब्जियों की 65 एकड़ फसल प्रभावित हुई है। 

संगरूर में बारिश के साथ-साथ एक ब्लॉक में घग्गर में आई बाढ़ से नुकसान हुआ है। विभागीय रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आने वाले दिनों में बारिश नहीं होती है और बारिश के पानी की निकासी हो जाती है तो नुकसान से कुछ बचाव हो सकता है। पंजाब सरकार ने गिरदावरी के आदेश दे दिए हैं। उसके बाद ही नुकसान का सही आकलन हो सकेगा।

जिला    प्रभावित रकबा (एकड़)     फसलें
बठिंडा                28579          धान, कपास
फतेहगढ़ साहिब   9340         धान, बासमती, मक्की, चारा
पटियाला             7207          धान, मक्की, चारा
मुक्तसर            23662       धान, कपास
संगरूर              21775       धान, बासमती, कपास, मक्की, चारा 

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