पाकिस्तान में है गधों की भरमार

हमारा पड़ोसी देश इस समय गधों से परेशान है। कारण यह है कि यहां पिछले तीन-साल सालों में गधों की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि खुद प्रधानमंत्री इमरान खान के भी समझ में नहीं आ रहा है कि वह इनका क्या करें। इनसे निजात पाने के लिए वह चीन की ओर देख रहे हैं लेकिन समस्या यह है कि खुद चीन में भी इस समय गधों की भरमार है तो ऐसे में वह पाकिस्तान के गधे कैसे ले। 

आइए जानते हैं पूरा माजरा है क्या। दरअसल पाकिस्तान में वित्त वर्ष 2020-21 में गधों की कुल संख्या बढ़कर 56 लाख तक पहुंच गई है। यहां इकोनॉमिक सर्वे में ये बात सामने आई।  जिसके अनुसार देश में घोड़े, खच्चर, भैंस, बकरियां, भेड़ और ऊंट की भी संख्या बढ़ी है, लेकिन जिस रफ्तार से गधों की संख्या बढ़ी है वो घोड़ों और खच्चरों से काफी ज्यादा है। पाकिस्तान के सामने अब बड़ी समस्या इन गधों से निजात पाने की है, इसलिए वह चीन की ओर देख रहा है। वह इन्हें चीन को बेचना चाहता है। 
 

चीन खरीदता है पाकिस्तान के गधे

चीन में गधों का इस्तेमाल पारंपरिक दवाएं बनाने के लिए होता है। वो गधे की त्वचा से जिलेटिन भी बनाता है, जिसका इस्तेमाल चीन में इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर किया जाता है। चीन में गधे ठेके पर खरीदे जाते हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान में गधे पालने का धंधा बढ़ता जा रहा है। एक गधे को बेचने पर इससे करीब 35 से 55 हजार तक की रकम मिल जाती है, जबकि इसका मालिक दिन में भी हजार रुपये तक कमा लेता है। ऐसे में पाकिस्तान के गरीब परिवारों के लिए गधे को पालना मुनाफे का सौदा है। हालांकि दुनिया में सबसे ज्यादा गधों की संख्या चीन और इथोपिया में है और अब पाकिस्तान ऐसा तीसरा देश बन गया है, जहां गधों की संख्या 56 लाख तक पहुंच गई है। हालांकि इस समय चीन में भी गधों की भरमार है तो वह पाकिस्तान के गधे खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है, इसलिए प्रधानमंत्री परेशान हैं कि करें तो क्या करें इन गधों का।

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