पिछडा वर्ग आयोग का पुनर्गठन कर भाजपा सरकार ने पिछडा वर्ग की चिंता की

भोपाल । भारतीय जनता पार्टी की सरकार पिछडा वर्ग के हित में लगातार काम कर रही है। कांग्रेस ने पिछडा वर्ग को सिर्फ वोट समझकर काम किया, जबकि भाजपा सरकार ने पिछडा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। मंगलवार को प्रदेश सरकार के मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्यप्रदेश पिछडा वर्ग आयोग को प्रभावी एवं सशक्त बनाने हेतु आयोग का पुर्नगठन कर संविधान की धारा 338 (बी) में किए गए प्रावधानों शक्तियों एवं कर्त्तव्यों की तरह मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को सशक्त बनाया है। प्रदेश सरकार का यह निर्णय प्रदेश की लगभग 55 प्रतिशत आबादी के लिए ऐतिहासिक दिन है। भाजपा सरकार ने पिछडों से जो वादे किए उन वादों को पूरा कर रही है। यह बात मध्यप्रदेश शासन के मंत्री रामखिलावन पटेल ने प्रदेश कार्यालय पं. दीनदयाल परिसर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष व विधायक प्रदीप पटेल, प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसौदिया एवं पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाह उपस्थित थे।
श्री पटेल ने मंत्रिपरिषद द्वारा पिछडा वर्ग आयोग के पुनर्गठन की सहमति दिए जाने पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं प्रदेश सरकार के सभी मंत्रिगणों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रदेश के पिछडा वर्ग को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पिछडा वर्ग के हितों की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है।
कमलनाथ सरकार ने की योजनाओं और धन में कटौती
नेतागणों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पिछले 15 वर्षों में पिछडा वर्ग के कल्याण के लिए जो योजनाएं चलायी थी, कमलनाथ सरकार ने बीते डेढ वर्ष में उन योजनाओं को रोक दिया गया। खाली खजाने का हवाला देकर कमलनाथ सरकार ने पिछडा वर्ग के कल्याण की योजनाओं में धन की कटौती की और अनेक योजनाओं में राशि का आवंटन तक नहीं दिया। उन्होंने बताया कि कमलनाथ सरकार ने पिछडा वर्ग एवं अल्पसंख्यकों के लिए राज्य स्तरीय रोजगार एवं प्रशिक्षण का क्रियान्वयन नहीं किया। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पिछडा वर्ग को 30 करोड का अनुदान मिलता था, उस बजट को कांग्रेस सरकार ने 6 करोड कर दिया था। जो कि शुरूआती बजट वर्ष 2013-14 से भी कम है। उन्होंने कहा कि पिछडा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण के लिए सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले समाज सेवी को रामजी महाजन, ज्योतिबा फुले, सावित्री फुले आदि पुरस्कार प्रदान किए जाते थे, कमलनाथ सरकार ने एक भी पुरस्कार न दिया और न बैठक की गयी। छात्र गृह योजना में ग्रामीण परिवार के बच्चे कस्बे या शहरों में आकर अध्ययन करते थे उनके बजट में कांग्रेस सरकार ने कटौती की।
कांग्रेस सरकारों ने सिर्फ भ्रम फैलाया
श्री पटेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पिछड़ा वर्ग को समाज की मुख्य धारा से जोडने और उनके बेटा बेटियों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए योजनाओं का क्रियान्वयन किया। जबकि कांग्रेस सरकार पिछडा वर्ग के स्वरोजगार और उनकी शिक्षा को लेकर हमेशा उदासीन रही। आजादी के बाद से कांग्रेस सरकार ने पिछडा वर्ग के लिए कोई योजना नहीं बनायी। पिछडा वर्ग के लोग शासकीय नौकरी एवं शिक्षा क्षेत्र में पिछड गए। भाजपा की सरकार बनने के बाद पिछडा वर्ग के हितों पर ध्यान दिया गया। कांग्रेस की सरकारों ने केवल भ्रम फैलाने का काम किया और अभी भी कांग्रेस भ्रम फैला रही है।

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