बांग्लादेश में हिंदू महिला पर दर्ज नहीं होगा देशद्रोह का मामला, हसीना ने नहीं दी अनुमति

ढाका । बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक हिंदू महिला के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने के सरकार के कदम को इजाजत नहीं दी है। दरअसल, महिला ने वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप से कहा था कि उनके देश (बांग्लादेश में) अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद (एचबीसीयूसी) की संगठन सचिव प्रिया साहा 19 जुलाई को ह्वाइट हाऊस में एक बैठक में शामिल हुई। इसके बाद ट्रंप के साथ उनकी एक बैठक का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद उनके देश (बांग्लादेश में) में विवाद छिड़ गया। साहा उन पांच बांग्लादेशी और दो रोहिंग्या शरणार्थियों में शामिल थीं जिन्हें ढाका स्थित अमेरिकी दूतावास ने ह्वाइट हाऊस भेजा था।
इस विडियो में वह अपनी पहचान बांग्लादेशी नागरिक बताती और अमेरिकी राष्ट्रपति से कहती हैं कि बांग्लादेश से अल्पसंख्यक समुदाय के 3.7 करोड़ लोग लापता हो गए। साहा के बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए सड़क परिवहन मंत्री एवं सत्तारूढ़ अवामी लीग महासचिव ओबैदुल कादिर ने कहा कि उन्होंने एक गलत और देशविरोधी टिप्पणी की और उनके खिलाफ देशद्रोह का एक मामला दर्ज किया जाएगा। कादिर ने कहा हसीना ने साहा के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने के कदम को इजाजत नहीं दी है। कादिर ने कहा प्रधानमंत्री ने बीती रात मुझे एक संदेश भेजा (ब्रिटेन से, जहां वह आधिकारिक यात्रा पर गई हैं), जिसमें कहा है कि जल्दबाजी में कोई कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि साहा को अवश्य ही सार्वजनिक रूप से एक बयान जारी कर यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह ट्रंप से असल में क्या कहना चाहती थीं। 
उल्लेखनीय है कि कादिर ने एक दिन पहले कहा था कि साहा के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। वहीं, कादिर की टिप्पणी से कुछ घंटे पहले दो वकीलों ने अपनी व्यक्तिगत हैसियत से साहा के खिलाफ ढाका के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में अलग-अलग मुकदमे दायर किए। इनमें बांग्लादेश पर झूठे आक्षेप लगा कर देश की छवि खराब करने का आरोप लगाया गया है। 
हालांकि, कादिर ने कहा कि इन मुकदमों पर सुनवाई होने संभावना नहीं है, क्योंकि देश का कानून किसी भी व्यक्ति को सरकार की इजाजत के बगैर देशद्रोह का कोई केस दर्ज कराने से रोकता है। इस बीच, कानून मंत्री ने कहा हमें साहा के दावों को इतना महत्व नहीं देना चाहिए। 
 

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