बीएसएफ के बाद सीआरपीएफ जवान का छलका दर्द, वीडियो वायरल

बीएसएफ जवान के बाद मथुरा के सौंख क्षेत्र में रहने वाले सीआरपीएफ के जवान का दर्द छलका है। सेना व सीआरपीएफ के बीच सुविधाओं के बड़े अंतर पर सवाल खड़े करते हुए जवान ने प्रधानमंत्री से इसे समाप्त करने की गुहार लगाई है। इसका वीडियो वायरल हुआ है। आपके अखबार हिन्दुस्तान ने इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि के लिए गृह मंत्रालय के प्रवक्ता से बात की तो उन्होंने वीडियो की जांच कराने की बात कही। आपका अखबार इसकी सत्यता की अभी पुष्टि नहीं करता है।

कस्बा सौंख के ग्राम सहजुआ थोक निवासी केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के जवान जीत सिंह का प्रधानमंत्री के नाम वीडियो वायरल हुआ है। इसमें जवान ने कहा है कि देश में ऐसी कोई ड्यूटी नहीं, जिसे सीआरपीएफ नहीं करती हो। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे से लेकर संसद भवन, चुनाव, वीआईपी व वीवीआईपी सुरक्षा में सीआरपीएफ को लगाया जाता है। इसके बाद भी सीआरपीएफ को वे सुविधाएं नहीं मिल पातीं, जो सेना को मिलती हैं। कहा है कि सेना को चिकित्सा, कैंटीन व सफर में आरक्षण जैसी सुविधा मिलती है।

सेवानिवृत्ति के बाद सेना के जवानों को अन्य संस्थानों में प्राथमिकता के आधार पर काम मिल जाता है, जबकि सीआरपीएफ के जवान को ये सुविधाएं नहीं मिलती हैं। जवान का कहना है कि शिक्षकों को हमसे अधिक वेतन मिलता है। वो सभी छुट्टियों का लाभ भी लेते हैं। लेकिन सीआरपीएफ में छुट्टियां समय से नहीं मिलतीं। क्या जवान इसके हकदार नहीं। प्रधानमंत्री से इस अंतर को समाप्त करने की मांग की गई है। अंत में जवान ने वीडियो को अधिक से अधिक शेयर करने को कहा है।

किसान का बेटा है जीत सिंह

जीत सिंह गरीब खेतिहर किसान का बेटा है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स में वह 20 मार्च 2012 में मणिपुर से भर्ती हुआ था। उसने केरल में ट्रेनिंग की। उसकी पहली तैनाती मणिपुर के झीरीवंब नामक शहर में हुई। वर्तमान में उसकी तैनाती माउंट आबू में है।

मां बोली सफर की थकान से पड़ जाता है बीमार

जीत सिंह की मां कमलेश देवी ने बताया कि वह जब भी छुट्टी लेकर घर आता है तो बीमार पड़ जाता है। वह बताता है कि सीआरपीएफ में ट्रेन में सफर के लिए किसी प्रकार का कोटा नहीं मिलता है। ट्रेन में बिना आरक्षण के ही सफर करना होता है।

भाई से बयां करता है दर्द

जवान के भाई सत्यपाल सिंह ने बताया कि छुट्टी आने पर वह उसे अपने दिल का दर्द सुनाता है। सीआरपीएफ में होने वाली परेशानी का जिक्र करता है। ड्यूटी के समय ठीक से खाना नहीं मिलने की बात भी बताता है। भाई ने खुलासा किया कि परिवार के अन्य सदस्य उसे फोर्स की कम सुविधाएं मिलने पर ताना देते हैं।

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