बीजेपी के बड़े नेता का आरोप, बड़े किसान और बिचौलिए कर रहे यहां आंदोलन 

नई दिल्ली । हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा कि पंजाब-हरियाणा में बड़े किसानों की लॉबी है,यहां बड़े किसान और बिचौलिए एक हैं। मौजूदा आंदोलन को बिचौलिए ही चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की कमी यह रही कि साधारण किसान तक सही बात पहुंचा नहीं पाए।
उन्होंने सवाल खड़ा किया कि अगर सारे किसान कानून के खिलाफ हैं,तब सिर्फ पंजाब-हरियाणा और कुछ-कुछ यूपी में ही आंदोलन क्यों हो रहे हैं? शांता कुमार की अगुवाई में 2014 में मोदी सरकार ने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) की रीस्ट्रक्चरिंग और कृषि सुधार पर सुझाव देने के लिए कमिटी बनाई थी। कमिटी ने 2015 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमिटी की सिफारिश के आधार पर ही सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम और फसल बीमा योजना लांच की।
शांता कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि मोदी सरकार ने बहुत सोच-समझ कर और सलाह कर जो कानून बनाया है, उस कुछ प्रदेश के किसान अच्छी तरह से पढ़ नहीं पाए, समझ नहीं पाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा प्रॉक्योरमेंट होती हैं, यहां सबसे ज्यादा बिचौलिए हैं। उनका कमिशन करोड़ों में बनता है। उनके कमिशन का बहुत बड़ा हिस्सा पंजाब की राजनीति में जाता है। इन प्रदेशों में ही आंदोलन होने का एक कारण हैं बिचौलिए।

शांता कुमार ने कहा कि पंजाब में किसानों को 6 हजार करोड़ रुपये की खाद सब्सिडी दी जाती है। 'जब मैं पंजाब का प्रभारी था तब अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल मुझसे सहमत थे कि सभी किसानों को सब्सिडी देने की जरूरत नहीं है। कुछ किसान लखपति करोड़पति हैं। वह सहमत थे कि सब्सिडी आधी कर देते हैं, सिर्फ गरीब किसानों को देते हैं बाकियों को नहीं, पर ऐसा कर नहीं पाए। क्योंकि वहां बड़े किसानों की बड़ी लॉबी है।' बीजेपी नेता के मुताबिक पंजाब हरियाण में बड़े किसानों की लॉबी है और बड़ा किसान और बिचौलिया एक हैं।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के सवाल पर बीजेपी नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने आश्वासन दिया है कि एमएसपी खत्म नहीं होगी,तब फिर इतना शोर क्यों? उन्होंने कहा कि वैसे भी भारत में सिर्फ 6 प्रतिशत किसान हैं जो एमएसपी का फायदा ले रहे हैं। 100 में से 94 किसान अपना अनाज सरकार को नहीं बेचते,तब उनका एमएसपी से कोई मतलब ही नहीं हैं। वहां कहते हैं कि एमएसपी का शोर ज्यादा है। किसान को आजादी है कि वह जहां चाहे अपना उत्पाद बेच सकता है। 
फर्टिलाइजर सब्सिडी भी सीधे मिलेगी
शांता कुमार ने कहा कि 2015 में दी अपनी रिपोर्ट में हमने एफसीआई के चंगुल से निकलने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि भारत में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार जो एक रुपये का अनाज खरीदती है, अनाज को रखने और कन्ज्यूमर तक पहुंचाने में ही तीन रुपये खर्च हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि फर्टिलाइजर सब्सिडी का फायदा किसानों को नहीं बल्कि ज्यादातर बड़ी कंपनियों को मिल रहा है। हमने सिफारिश की थी कि ये पैसा किसान को डायरेक्ट दिया जाए। यह सरकार के पास विचाराधीन है और सरकार इसे बहुत जल्दी करेगी।

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