भारतमाला: न यू-टर्न और न ही साइड से ऐंट्री, 20 हजार किलोमीटर हाइवे जल्द होंगे हाइस्पीड

नई दिल्ली
अगले 4 से 5 सालों में नैशनल हाइवे के 20 हजार किलोमीटर से ज्यादा का हिस्सा यू-टर्न और कट्स फ्री होगा। इसके साथ ही हाइवे के दोनों ओर बैरिकेडिंग भी होगी जिससे जानवर हाइवे पर नहीं घुस पाएंगे। मुख्य हाइवेज को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि भारी वीइकल्स भी रफ्तार के साथ बिना परेशानी मंजिल तक जल्द पहुंच जाएं।

सरकार का यह प्रॉजेक्ट 'भारतमाला' स्कीम का हिस्सा है इसके फेज-1 के तहत कुछ मुख्य मार्गों को कम से कम चार लेन का किया जाएगा। इस फेज पर 3.85 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। अभी हाइवेज पर कई तरह की स्पीड वाली गाड़ियां चलती है जिससे न केवल हाइवे की स्पीड कम होती बल्कि दुर्घटना की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। हाइवे मिनिस्ट्री द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक, जापान के फोर-लेन हाइवे पर एक दिन में करीब 40,000 गाड़ियां चल सकती हैं वहीं, भारत में ऐसे ही हाइवे पर 20,000 गाड़ियां ही चल पाती हैं जिस कारण हाइवे की लेन बढ़ानी पड़ती है।

नए हाइवेज को बनाने की बजाए पुराने हाइवेज में कुछ बदलाव कर उन्हें अपग्रेड करने का प्रपोजल रोड और ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने आगे बढ़ाया है। मिनिस्ट्री 20 हजार किलोमीटर को 'ऐक्सेस कंट्रोल्ड' करेगी। इस तरह का कॉन्सेप्ट विकसित देशों में अपनाया जाता है। ऐक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे में घुसने और निकलने के पॉइंट्स कम होते हैं। अभी हाइवे पर हर छोटी-मोटी जगह पर हाइवे में कट और यू-टर्न होते हैं जिससे गाड़ियों की स्पीड प्रभावित होती है।

'ऐक्सेस कंट्रोल्ड' कॉन्सेप्ट के तहत कुछ हाइवेज की पहचान कर ली गई है। इसमें मुंबई-कोलकाता, मैंगलोर-बेंगलुरु, लुधियाना-कांधला और पोरबंदर से सिलचर को शामिल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम ऑफिस ने नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) बोर्ड को इस प्रपोजल पर आगे बढ़ने का सिग्नल दे दिया है। इससे पहले इसी मॉडल के तहत बीजेपी शासन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वर्णिम चतुर्भुज की शुरुआत की थी जिसके तहत देश के चार मेट्रो शहरों को जोड़ा गया था।

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