भारत की आर्थिक वृद्धि दर 12.5% पर पहुंचने का अनुमान

नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2021 में भारत की आर्थिक वृद्वि दर तेजी से बढकर 12.5 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।ऐसे में भारत आर्थिक वृद्वि दर के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा।बहरहाल चीन एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था रहा है जिसकी आर्थिक वृद्वि दर 2020 में कोरोना काल में भी सकारात्मक रही।हालांकि आईएमएफ ने अपने वार्षिक आर्थिक परिदृश्य में कहा है कि 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्वि दर 6.9 प्रतिशत के आसपास रहेगी। उल्लेखनीय है कि आईएमएफ के विश्व ø के साथ होने वाली वार्षिक बैठक से पूर्व यह रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की तरफ से कहा गया है कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 8 प्रतिशत की गिरावट आई।बहरहाल अब इस वर्ष भारत की आर्थिक वृद्वि दर 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि मौजूदा हालात के दृष्टिगत काफी बेहतर है।वहीं चीन की आर्थिक वृद्वि दर 2021 में 8.6 प्रतिशत और 2022 में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।चीन की पिछले वर्ष आर्थिक वृद्वि दर 2.3 प्रतिशत रही और कोरोना महामारी काल में भी सकारात्मक आर्थिक वृद्वि दर हासिल करने वाला दुनिया अकेला बड़ा देश रहा है।जिसको लेकर आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए पहले के अनुमान की तुलना में मजबूत पुनरुद्वार की उम्मीद कर रहे ø।वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्वि दर 2021 में 6 प्रतिशत और 2022 में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।वहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2020 के कोरोना महामारी काल के तहत आर्थिक वृद्वि दर 3.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।जिसको लेकर आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने अपनी रिपोर्ट की भूमिका' में लिखा है कि आर्थिक परिदृश्य में विभिन्न देशों और देशों के भीतर पुनरुद्वार की रफ्तार अलगअलग है।वहीं कोरोना महामारी के दृष्टगत अभी भी आर्थिक जोखिम बना हुआ है।इससे हमारे सामने बड़ी चुनौती है।इस रिपोर्ट के तहत 2020 के तहत वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.3 प्रतिशत की गिरावट अक्टूबर 2020 में जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुमान की तुलना में 1.1 प्रतिशत कम है।ऐसे में यह दर्शाता है कि 2020 की दूसरी छमाही में अधिकतर क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील के बाद आर्थिक वृद्वि दर अनुमान से बेहतर रही है।वहीं इससे यह भी पता चलता है कि अर्थव्यवस्था ने कामकाज के नए चलन को स्वीकार किया है।वहीं इस रिपोर्ट के तहत 2021 का अनुमान अक्टूबर 2020 में विश्व आर्थिक परिदृश्य की तुलना में 0.8 प्रतिशत और 2022 में 0.2 प्रतिशत अधिक है।यह कुछ विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में राजकोषीय समर्थन और कोरोना वैक्सीनेशन के साथ पुनरुद्वार में तेजी से दिखाता है कि मध्यम अवधि में वैश्विक आर्थिक वृद्वि दर कुछ नरम पड़कर 3.3 प्रतिशत रह सकती है।आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि कोरोना महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है और कई देशों में संक्रमण के मामले बढ रहे ø।ऐसे में कोरोना वैक्सीनेशन को तेजी से लागू नहीं करना,पर्याप्त नीतिगत समर्थन का अभाव और पर्यटन पर अधिक निर्भरता वाले देशों में पुनरुद्वार की रफ्तार का अंतर अधिक है।ऐसे में नीति निर्माताओं को कोरोना महामारी से पहले की स्थिति की तुलना में सीमित नीतिगत उपायों और उच्च कर्ज के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को समर्थन देने की आवश्यकता होगी।

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