भारत को बड़ा झटका, गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही माल्या को कोर्ट से मिली जमानत

बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का फ्रॉड कर फरार हुए विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही कोर्ट से जमानत मिल गई है। इससे पहले सूचना आई थी कि 9 हजार करोड़ रुपया डकार कर भागे शराब व्यवसायी विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है। ये गिरफ्तारी वेस्टमिंस्टर कोर्ट के आदेश पर हुई। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहां से माल्या जमानत पाने में सफल रहे। इससे पहले सीबीआई ने बताया था कि उसकी मांग पर ही माल्या को ब्रिटेन में गिरफ्तार किया गया है।
 
वहीं माल्या की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तंज कस दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने सवाल किया कि ये किस तरह की गिरफ्तारी है,‌ जिसमें एक घंटे बाद ही उसे जमानत मिल गई। सूरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार लोगों की आंखों में धूल झोंकना बंद करे और ये बताए कि माल्या को कब वापस लाया जाएगा।
 
वहीं माल्या की गिरफ्तारी पर केंद्रीय राज्यमंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा था कि भारत सरकार और वित्त मंत्रालय के लिए यह महत्वपूर्ण सफलता है। 
 
वहीं माल्या की गिरफ्तारी पर केंद्रीय राज्यमंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा था कि भारत सरकार और वित्त मंत्रालय के लिए यह महत्वपूर्ण सफलता है।  आपको बता दें कि पिछले महीने ही विजय माल्या को भारत को सौंपने के लिए विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बाद ब्रिटेन सरकार से इसकी मांग की गई थी। जिसके बाद माल्या को भारत वापस भेजने की दिशा में ब्रिटेन सरकार ने ये पहला कदम उठाया था।

वहीं वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने माल्या की गिरफ्तारी पर कहा कि मामले में किसी को कोई रियायत नहीं दी जाएगी। माल्या के खिलाफ भी विधिवत कार्रवाई की जाएगी।

माल्या को भारत सौंपने पर कुछ भी कहने से ब्रिटेन का इंकार!

बैंकों का कर्जा न चुकाने के कारण कोर्ट के आदेश के बाद माल्या का किंगफिशर विला नीलाम कर दिया गया था। इसके बाद से ही लगातार माल्या की मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं। कुछ दिन पहले ही उच्चतम न्यायलय ने माल्या को पासपोर्ट के साथ 30 मार्च को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था। लेकिन वो कोर्ट में पेश नहीं हुए। माल्या करीब 2 साल से फरार हैं और ब्रिटेन में रह रहे हैं।

इसी महीने के शुरुआत में विजय माल्या को भारत सौंपने को लेकर ब्रिटेन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया था। ब्रिटेन के वित्त मंत्री फिलिप हैमंड ने इस मामले पर टिप्पणी करने से मना करते हुए कहा था कि ये न्यायालय का मामला है। न्यायालय के ऑर्डर के बाद ही माल्या को भारत को सौंपा जा सकता है। 

गौरतलब है कि भारत ने इस साल आठ फरवरी को औपचारिक तौर पर ब्रिटेन सरकार से भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत विजय माल्या के प्रत्यर्पण का औपचारिक आग्रह किया था।

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