मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन ने बढ़ाई मोदी सरकार की चिंता, पीएम ने की बैठक

मध्य प्रदेश के मंदसौर में आंदोलनरत किसानों पर फायरिंग मामले के बाद भड़की हिंसा ने मोदी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। आंदोलन के अन्य राज्यों में फैलने की आशंका से चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हालात की समीक्षा की।
 
 
गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के साथ एक घंटे की बैठक में इस समस्या का राजनीतिक समाधान ढूंढने के साथ हिंसा से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल मध्य प्रदेश भेजने पर चर्चा हुई।

चूंकि फायरिंग में मारे गए छह किसानों में से पांच पाटीदार बिरादरी से हैं। इसलिए सरकार को डर है कि कहीं इसका असर गुजरात पर न पड़े, जहां पहले से ही आंदोलन की मांग को ले कर यह बिरादरी आंदोलनरत है।

इस बीच प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आंदोलन के उग्र होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है। मुख्यमंत्री को वार्ता के जरिए किसानों को हर हाल में संतुष्ट करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि क्या किसी फौरी राहत संबंधी घोषणा से किसानों को मनाया जा सकता है? बैठक में फिलहाल किसानों से वार्ता जारी रखने और सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने पर सहमति बनी है और गृह मंत्री के साथ-साथ कृषि मंत्री को हालात पर लगातार नजर रखने का निर्देश दिया गया है।

दरअसल केंद्र सरकार को डर है कि मंदसौर में फायरिंग से किसानों की मौत के बाद कहीं यह आंदोलन देश के अन्य हिस्से में न फैल जाए। तमिलनाडु, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में राहत की मांग  को ले कर किसान आंदोलनरत हैं। इसके अलावा कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल ने किसान आंदोलन को और धार देने की रणनीति बनाई है। इसी रणनीति के तहत बृहस्पतिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष मध्य प्रदेश का दौरा करने वाले हैं।

नाराज भाजपा ने दी राजनीति न करने की नसीहत
इस बीच इस मामले में विपक्ष का हमला झेल रही भाजपा ने इस मामले में राजनीति न करने की नसीहत दी है। पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों की मौत वाकई बेहद दुखद है। पार्टी और सरकार ने इस मामले में पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की है। मोदी सरकार किसानों का जीवन स्तर ऊंचा करने के लिए कृत संकल्पित है। विपक्ष को इस मामले में राजनीति करने से बाज आना चाहिए।

महाराष्ट्र में सात किसानों ने की आत्महत्या

महाराष्ट्र में किसान आंदोलन के सातवें दिन जारी रहने के साथ ही कर्ज में डूबे किसानों की खुदकुशी का सिलसिला भी जारी है। इस दौरान 7 किसान खुदकुशी कर चुके हैं, जिनमें दो नासिक, एक बीड, एक अकोला, एक सातारा, एक वर्धा और एक किसान नांदेड़ से है।

नासिक के लासलगांव निवासी गोरख कोकने (40) ने 5 जून को खुदकुशी की तो नवनाथ भालेराव (30) ने जहर पीकर जान दे दी। कोकने पर ढाई लाख रुपये का जबकि अंगूर की खेती करने वाले नवनाथ पर 4 लाख रुपये का कर्ज था।

बीड जिले के हिवारवाड़ी के सूर्यभान बाबूराव गुंजाल और सतारा के सुरेश शंकर साबले (38) ने जहर पीकर खुदकुशी कर ली। वहीं, नांदेड़ में परमेश्वर वानखेडे (40), अकोला जिले के उबरा गांव निवासी गणेश कालबेंडे और विदर्भ के वर्धा जिले में ईश्वर इंगले (56) ने 6 जून को फांसी लगा ली। सभी कर्ज के बोझ तले दबे थे।

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