मप्र की राजधानी में लव जिहाद का पहला केस  दर्ज

भोपाल । प्रदेश में लव जेहाद की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है।  बुधवार को एक बार फिर पुलिस ने युवती की शिकायत पर आशू बने असद के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। यह आरोपी युवक अशोका गार्डन क्षेत्र स्थित दुर्गाधाम मंंदिर रोड सोनिया गांधी कालोनी का रहने वाला है। आशू बनकर प्रेम जाल में फंसाने के बाद यह युवती पर निकाह के लिये धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था। लिहाजा इसको मप्र सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 का आरोपी भी बनाया गया है। इस कानून के तहत राजधानी में दर्ज हुआ यह पहला मामला है। 
बताया जाता है कि महाकौशल क्षेत्र से संबंधित 19 वर्षीय युवती अभियांत्रिकीय शिक्षा के लिये राजधानी में रह रही थी। यहां उसे 23 वर्षीय आशू उर्फ असद पिता समद खान ने प्रेमजाल में फंसा लिया। पुलिस को दी गई जानकारी में युवती ने आरोप लगाया है कि शानू बने असद ने कई बार उसके साथ शारिरिक संबंध बनाएं। उसके विधर्मी होने का पता बीते दिनों रायसेन यात्रा के दौरान तब लगा जब वह मजार में नमाज पढ़ने के लिये गया। इस संबंध में युवती के सवाल पर उसने कहा कि हां मैं आशू नहीं असद हूं और यदि तुम चाहो तो निकाह के लिये तैयार हूं, लेकिन इसके लिये पहले तुम्हे सनातन धर्म छोड़ना पड़ेगा। युवती का आरोप है कि जब वह इसके लिये तैयार नहीं हुई तो 18 जनवरी को युवक ने बदनाम करने की नीयत से उसकी तस्वीरें व्हाट्स एप्प पर वायरल कर दी। इससे वह डर गई और अपने एक परिचित की माध्यम से मदद के लिये पुलिस से संपर्क किया। खबर लिखे जाने तो पीड़िता के परिजन राजधानी नहीं पहुंच पाए थे। मामले की गंभीरता को समझते हुए इसके बाद बड़ी संख्या में बजरंग दल के लोग भी यहां पहुंच गए।   

कहा तेरी जरूरत नहीं और दी हिन्दू समाज को धमकी 
मुस्लिम युवक के चंगुल से मुक्त कराने में सहयोगी बने भाजपा नेता संजय मिश्रा ने बताया कि आरोपी युवक ने सोशल मीडिया पर बदनाम करने की नीयत से जहां एक दूसरी लड़की के साथ अपनी भी तस्वीर वायरल की, वहीं यह कहते हुए धमकी भी दी कि तेरी जरूरत नहीं है। हिंदू समाज पर भी यह कहते हुए कटाक्ष किया कि देखते हैं राम भक्त क्या कर लेते हैं। 

पुलिस की चंगुल में आरोपी 
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश भदौरिया ने मीडिया से कहा कि युवती की शिकायत पर आशू उर्फ असद को गिरफ्तार करते हुए धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 के प्रावधान 3/5, दंड संहिता की धारा 376, 354, 294 और 506 का आरोपी बनाया गया है। राजधानी में यह पहला मामला है, जब धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इस दौरान मौजूद थाना प्रभारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी फरार होता, इससे पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवती के बयान लिये जा रहे हैं। 

ऐसे फैलाया जाल 
पुलिस ने युवती की शिकायत के आधार पर कहा कि मोबाइल दुकान में काम करने वाले आरोपी युवक ने सबसे पहले युवती का पीछा किया था। इस दौरान जब दोनों के बीच बातचीत होने लगी तो उसने अपनी पहचान छिपाते हुए प्रेम जाल फैलाया। जब युवती इसमें फंस गई, तो उसने शारीरिक शोषण किया। असलियत सामने आने पर यह धर्म परिवर्तन के लिये मानसिक दबाव बनाते हुए प्रताड़ित करने लगा। 

बड़वानी में दर्ज हुआ प्रदेश का पहला मामला
धार्मिक स्वतंत्रता कानून 2020 के तहत एक शख्स के खिलाफ  बड़वानी में 22 वर्षीय लड़की की शिकायत पर प्रदेश का पहला केस दर्ज किया गया है। इस प्रकरण के दर्ज होने के ठीक तीन दिन बाद राजधानी की अशोका र्गाडन पुलिस ने यह मामला दर्ज किया है।

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