मौनी अमावस्या आज: 1.5 करोड़ श्रद्धालु करेंगे स्नान

इलाहाबाद
माघ मेले के सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालु गंगा और यमुना के पवित्र संगम में आज डुबकी लगा रहे हैं। डुबकी लगाने का सिलसिला गुरुवार 26 जनवरी की शाम 6 बजे से ही शुरू हो गया था। मौनी अमावस्या का स्नान संगम और आसपास के 19 घाटों पर हो रहा है जो आज शाम तक चलेगा।

कई दिनों पहले से ही देश के कोने-कोने से श्रद्धालु स्नान के लिए मेला क्षेत्र में पहुंच चुके थे। मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। मेले में एटीएस, एसटीएफ, बीडीएस समेत दूसरी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। मेले में यातायात और सुरक्षा पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। सेना भी इस स्नान पर्व के लिए स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है और किसी अनहोनी की स्थिति में मदद के लिए तैयार रहेगी।

संत-महात्मा भी लगाएंगे डुबकी
मौनी अमावस्या पर आज शंकराचार्यों के साथ ही दूसरे संत-महात्मा भी संगम में स्नान करेंगे। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, नरेन्द्रानंद सरस्वती, अधोक्षजानंद सरस्वती, वासुदेवानंद सरस्वती, महंतनरेन्द्र गिरी समेत दर्जनों संत-महात्मा और महंत भी संगम में मेला क्षेत्र से पहुंचकर डुबकी लगाएंगे।

 

अमावस्या का महत्व
माघ के महीने को हिंदू धर्म ग्रंथों में बहुत पवित्र माना गया है। इस मास के हर दिन को स्नान-दान के लिये बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन माघ मास के ठीक मध्य में अमावस्या के दिन का तो विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी खासतौर पर गंगा का जल अमृत बन जाता है। इसलिये माघ स्नान के लिये माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या को बहुत ही खास बताया गया है। इस दिन व्रती को मौन धारण करते हुए दिन भर मुनियों सा आचरण करना पड़ता है इसी कारण यह अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है।

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