मौन रहकर चुनाव प्रचार में जुटा प्रत्याशी

बेंगलुरु । बेंगलुरु दक्षिण से लोकसभा क्षेत्र का चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी एंब्रोस डी मेलो अनोखे तरीके से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। 52 वर्ष के डिमेलो पेयजल के व्यवसायीकरण के खिलाफ हैं। वह लगभग 15 वर्षों से पानी के व्यवसायीकरण को लेकर मौन व्रत धारण कर नंगे पैर चलकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। नोटबंदी के दौरान भी उन्होंने पुराने नोट बदलने के खिलाफ नाराजी जताई थी। उनके पास 40000 रुपये के जो नोट थे, उन्होंने अभी तक नहीं बदलवाया है। उनका मानना है कि नोटबंदी का फैसला असंवैधानिक फैसला था।
चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी बोल कर अपनी बात कहता है। किंतु एंब्रोस ने सिलेट में लिखकर मतदाताओं को अपनी बात समझाते हैं। चुनाव प्रचार के अनोखे तरीके को देख कर लोग उनके आसपास एकत्रित होते हैं। उनकी बात को समझते हैं। अभी तक उन्होंने मात्र 90 रुपये खर्च किए हैं। वह 9 चुनाव निर्दलीय लड़ चुके हैं। पिछला चुनाव उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया था, किंतु वह नामांकन निरस्त हो गया था।

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