रक्षा मंत्री पार्रिकर का बयान, आरक्षण दबे-कुचलों के उत्थान के लिए जरूरी

पणजी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक पदाधिकारी द्वारा आरक्षण नीति की समीक्षा की बात कहे जाने के कुछ दिन बाद रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने आज कहा कि हालांकि आरक्षण व्यवस्था का कुछ दुरुपयोग है, लेकिन दबे-कुचलों के उत्थान के लिए यह आवश्यक है। पार्रिकर ने चुनावी राज्य गोवा में भाजपा के युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘यद्यपि गोवा में स्थिति भिन्न है, लेकिन समूचे देश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है, यह सुधर रही है।’ 

उन्होंने कहा, ‘मैं स्वीकार करता हूं कि आरक्षण का कुछ दुरुपयोग है। लेकिन मेरा मानना है कि हमें उन लोगों के उत्थान के लिए एक तंत्र पर काम करने की आवश्यकता है जो सामाजिक अवसंरचना में दबे-कुचले हैं।’ पार्रिकर ने कहा, ‘आारक्षण के पीछे का उदे्दश्य उन लोगों का उत्थान है। मुझे लगता है कि आरक्षण नीति की आवश्यकता है।’ 

आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने शुक्रवार को आरक्षण नीति की समीक्षा संबंधी बात कही थी और यह भी कहा था कि बीआर अंबेडकर भी आरक्षण के लगातार जारी रहने के पक्ष में नहीं थे। उनकी टिप्पणी के बाद संघ ने स्पष्टीकरण में कहा था कि आरक्षण जारी रहना चाहिए तथा कोई अनावश्यक विवाद नहीं होना चाहिए। इस बीच, पार्रिकर ने कहा कि परिस्थितियों ने उन्हें राजनीति में आने को विवश कर दिया, लेकिन वह इस क्षेत्र में प्रवेश के पहले दिन अपनाए गए सिद्धांत का आज भी पालन करते हैं।

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