राजस्‍थान: पाक में मारा जा रहा देश का दुर्लभ पक्षी, बचाने को शुरू हुई अनोखी पहल

भारत के विलुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों को पाकिस्तान में शिकार होने से बचाने के लिए राजस्‍थान के वन्यजीव विशेषज्ञों ने अनोखी पहल शुरू की है। विशेषों ने यहां के गोडावण पक्षी को शिकार होने से बचाने के लिए रेडियो टैग का इस्तेमाल शुरू किया। इस टैग के जरिए पक्षियों को पाकिस्तान में जाने पर ट्रैक किया जाएगा जिससे कि पता चल सके कि इन पक्षियों का शिकार किस इलाके में किया जा रहा है।

विशेषज्ञों ने मीडिया को बताया कि इन पक्षियों का पाकिस्तान में काफी ज्यादा शिकार किया जा रहा है, लेकिन इस रेडियो टैग के जरिए उन्हें ट्रैक किया जा सकेगा और फिर पाकिस्तान में राजनायिकों के जरिए इन्हें शिकार से बचाने का प्रयास किया जाएगा।

रविवार को वाइल्ड लाइव विभाग के अधिकारियों ने दो पक्षियों द ग्रेट इंडियन बुसटर्ड (विलुप्तप्राय गोडावण) पर रेडियो टैग लगाया। विभाग 15 पक्षियों पर यह टैग लनाना चाहता है ताकि उनकी निगरानी की जा सके।

विशेषज्ञों के मुताबिक यह पक्षी राजस्थान और गुजरात में भारत पाकिस्तान बॉर्डर से जुड़े इलाकों में पाया जाता हैं। यह सूखे घास के मैदानों या रेगिस्तानी इलाकों में ज्यादा रहता है। कुछ दशक पहले इस पक्षी की संख्‍या हजारों में थी लेकिन 2013 में इनकी संख्या 200 से भी कम पाई गई। वैन्य जीव वैज्ञानिकों को आशंका है कि इन पक्षियों का शिकार पाकिस्तान में धड़ल्ले से होता है क्योंकि शायद यही कारण है कि इनकी संख्या लगातार घटती जा रही है।

ये पक्षी गुजरात के कक्ष और राजस्‍थान के जैसलमेर से उड़कर कुछ समय के लिए पाकिस्तान के सिंध में जाते हैं। और यहां उनका शिकार हो जाता है। ऐसी अभी आशंका है लेकिन रेडियो टैग से उनकी मौजूदगी को ट्रैक कर पता लगाया जा सकेगा कि आखिर उनका शिकार कहां हो रहा है। पाकिस्तान में शिकार होने के सबूत जुटाए जाएंगे और फिर भारतीय दूतावास के जरिए उन्हें बचाने के लिए पाकिस्तान से अपील की जाएगी।

पक्षियों पर लगे रेडियो टैग से यह भी पता लगाया जाएगा कि ये पक्षी पाकिस्तान के कौन-कौन से इलाकों में जाते हैं और वहां कब तक रुकते हैं।

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