राह आसान: देश के दूसरे लंबे पुल से बिहार-झारखंड आएंगे 100 किमी पास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज साहिबगंज में दो हजार करोड़ की लागत से बननेवाले गंगा पुल का शिलान्यास करेंगे। यह पुल साहिबगंज से बिहार के कटिहार जिले के मनिहारी को जोड़ेगा। राज्य में गंगा नदी पर बननेवाला यह पहला पुल है। सब कुछ तय समय पर हुआ, तो 2021 तक संताल से सीमांचल और उत्तर बिहार की दूरी आठ से 10 घंटे की जगह एक-दो घंटे में तय की जा सकेगी। इस पुल के जरिये झारखंड का उत्तर-पूर्वी राज्यों के साथ सीधा संपर्क होगा। इससे क्षेत्र की तरक्की का रास्ता भी खुलेगा।

इस पुल और बंदरगाह के अलावा पीएम मोदी देंगे और भी सौगातें 
-पीएम महिला मंडल की सखियों को स्मार्ट फोन भी प्रदान करेंगे 
-पहाड़िया बटालियन और महिला बटालियन को नियुक्ति पत्र देंगे
-240 करोड़ की लागतवाले बंदरगाह का शिलान्यास करेंगे

देश का दूसरा सबसे लंबा पुल: झारखंड में गंगा केवल साहिबगंज जिले में हैं। यहां यह 83 किलोमीटर तक बहती हैं। बिहार में गंगा पर पांच पुल हैं। साहिबगंज पुल उन सबसे लंबा होगा। यही नहीं यह देश का यह दूसरा सबसे लंबा पुल भी होगा। इसकी कुल लंबाई तो लगभग 22 किमी होगी, लेकिन गंगा पर इसका करीब छह किमी भाग होगा। शेष हिस्सा एप्रोच रोड पर आएगा।

राह होगी आसान : भागलपुर और फरक्का पुल का चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति, स्टीमर से छूटेगा पीछा साहिबगंज पुल से उत्तर बिहार की दूरी घटेगी। अभी लोगों को या तो नदी में चलनेवाले स्टीमर से जाना पड़ता है या फिर 81 किलोमीटर दूर भागलपुर के गंगा पुल या 79 किलोमीटर दूर फरक्का पुल का रास्ता तय करना पड़ता है।  

100 किमी घटेगी उत्तर बिहार से दूरी  
साहिबगंज में गंगा नदी पर पुल बनने से संताल परगना से सीमांचल और उत्तर बिहार की दूरी करीब 100 किलोमीटर घट जाएगी। अभी संताल के लोगों को उत्तर बिहार और सीमांचल के सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, फारबिसगंज, विराटनगर (नेपाल) जाने में परेशानी उठानी पड़ती है। देश के दूसरे लंबे पुल से घटेगी बिहार-झारखंड की 100 किमी की दूरी

बढ़ेगा रोजगार: गंगा पर पुल निर्माण शुरू होने के साथ लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। आंकड़े बताते हैं कि एक किलोमीटर राजमार्ग के निर्माण में 4076 मानव दिवस के लिए रोजगार का सृजन होता है। इस आधार पर 21.9 किलोमीटर की परियोजना से करीब 89,000 मानव दिवस के लिए रोजगार का सृजन होगा।

भविष्य में फायदा: साहिबगंज में 111 एकड़ जमीन पर 500 करोड़ रुपए की लागत से बंदरगाह के निर्माण की भी योजना है। जलमार्ग (गंगा के रास्ते) से व्यापार के लिए यह बंदरगाह वाराणसी से कोलकाता के बीच बनाया जा रहा है। यह क्षेत्र झारखंड का बड़ा व्यापार केंद्र बनेगा। बंदरगाह बनने के बाद गंगा पुल के रास्ते उत्तरी बिहार और म्यांमार तक माल भेजा जा सकेगा। इसके अलावा झारखंड से देश के पूर्वोत्तर के राज्यों तक पहुंच होगा। भविष्य में रोजगार के कई रास्ते खुलेंगे।

  साहिबगंज में बनने वाले पुल के कुछ तथ्य
-झारखंड के साहिबगंज और बिहार के मनिहारी के बीच गंगा नदी पर पुल बनेगा।
-गंगा पुल की लंबाई छह किलोमीटर होगी। पहुंच पथ मिलाकर कुल लंबाई 21.9 किलोमीटर की होगी। 
-मनिहारी (बिहार) में पहुंच पथ 8.86 किलोमीटर और साहिबगंज (झारखंड) में 7.2 किलोमीटर होगा।
-21.9 किलोमीटर मार्ग में गंगा पुल के अलावा, 15 पुलिया, एक अंडरपास, दो रेल ओवरब्रिज और चार बस पड़ाव होंगे।
-पूरा मार्ग चार लेन का होगा और इसपर 2226 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
-पुल निर्माण 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

गंगा नदी पर बने पुल
महात्मा गांधी सेतु    5.7 किमी
विक्रमशिला सेतु            4.7 किमी
दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क पुल    4.5 किमी
मुंगेर रेल सह सड़क पुल    3.1 किमी
राजेंद्र सेतु             2 किमी

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