रियल स्टेट सेक्‍टर को मिलेगी बड़ी राहत! कैपिटल गेंस टैक्‍स में मिल सकती है छूट, जानें आपको क्‍या होगा फायदा

नई दिल्‍ली. केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) बजट 2021-22 (Budget 2021-22) में रियल स्टेट सेक्टर को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही हैं. केंद्र सरकार (Central Government) 1 फरवरी 2021 को पेश किए जाने वाले बजट में रियल स्‍टेट सेक्‍टर (Real Estate Sector) को कैपिटल गेंस टैक्स (Capital Gains Tax) में छूट समेत कई तरह की राहत दे सकती है. इसके अलावा दिवालिया हो चुके प्रोजेक्ट को भी राहत की उम्‍मीद की जा रही है. CNBC-Awaaz को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्ट्स के लिए भी बजट 2021 में केंद्र सरकार की ओर से बड़ी राहत दी जाने की उम्‍मीद है.

CNBC-Awaaz को मिली जानकारी के मुताबिक, रियल स्टेट सेक्टर को स्‍टाम्‍प ड्यूटी (Stamp Duty) में छूट देने का प्रस्ताव भी है. इससे खरीदारों के लिए प्रॉपर्टी की अंतिम कीमत में कमी होगी और रियल स्‍टेट सेक्‍टर में वास्‍तविक खरीदार (Actual Buyers) की आमद बढ़ेगी. सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय को मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की ओर से स्‍टाम्‍प ड्यूटी में छूट का प्रस्‍ताव भेजा गया है. बजट तैयारियों के दौरान इन प्रस्तावों पर चर्चा हो चुकी है. ऐसे में माना जा रहा है कि वित्‍त मंत्री सीतारमण बजट में इसको लेकर बड़ा ऐलान कर सकती हैं. सरकार टैक्स में रियायत दे सकती है. इससे प्रोजेक्ट के खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी.

'अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में 75 लाख तक के मकान शामिल करें'

रियल एस्‍टेट सेक्‍टर की बजट 2021 से उम्‍मीदों की बात करें तो फंसे हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए डेवलपर्स ने अलग से फंड बनाने की मांग की है. उन्होंने इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बहाल करने और अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में 75 लाख रुपये तक के मकानों को शामिल करने की मांग की है. डेवलपर्स की एसोसिएशन नारेडको (NAREDCO) ने मांग की है कि रियल स्‍टेट सेक्‍टर को नकदी के संकट से उबारने के लिए सरकार ज्‍यादा स्‍ट्रेस फंड मुहैया कराए. वहीं, बिल्डर्स के संगठन क्रेडाई ने बाइंग कैपेसिटी बढ़ाने के लिए आयकर में छूट देने की मांग की है.

'होम लोन पर टैक्‍स डिडक्‍शन लिमिट 2 लाख रुपये से बढ़ाई जाए'

रियल स्‍टेट डेवलपर्स चाहते हैं कि इनकम टैक्स की दरों में कटौती के साथ रियल इस्टेट ट्रांजेक्शन में भी इक्विटी के तर्ज पर एलटीसीजी (LTCG) टैक्स को घटाया जाए. होम लोन के ब्याज में डिडक्शन लिमिट को 2 लाख से बढ़ाने और होम बायर्स को सीधे फायदा पहुंचाने के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम बहाल की जाए. नारेडको ने उम्मीद जताई है कि तीन महीनों के भीतर मांग फिर कोविड-19 से पहले के स्‍तर पर पहुंच सकती है. हालांकि, इसके लिए सरकार को अटके हुए प्रोजेक्ट्स को लेकर तेजी दिखानी होगी. बैंक समेत सेक्टर से जुड़े स्टेकहोल्डर्स को फायदा होगा और खरीदारों का सस्ते घर का सपना भी पूरा हो सकेगा.
 

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