रिलायंस इंडस्ट्रीज को साल भर में 53,739 करोड़ का फायदा, 7 रुपए प्रति शेयर का लाभांश, तिमाही में 14,995 करोड़ का लाभ

 एक साल पहले की तुलना में 34.8% फायदा बढ़ा
    तिमाही में रेवेन्यू 1.72 लाख करोड़ रुपए रहा है
    तिमाही में कंपनी का मुनाफा 129% बढ़ा

निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को वित्त वर्ष 2020-21 में 53,729 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड फायदा हुआ है। एक साल पहले के लाभ की तुलना में यह 34.8% ज्यादा है। कंपनी ने 7 रुपए प्रति शेयर लाभांश यानी डिविडेंड देने की घोषणा की है। डिविडेंड मतलब अपने फायदे में से निवेशकों को गिफ्ट के रूप में कुछ हिस्सा देने से होता है।

बाजार बंद होने के बाद रिजल्ट जारी हुआ

कंपनी ने शुक्रवार को अपना रिजल्ट बाजार बंद होने के बाद जारी किया। इसके शेयरों पर दो दिन से दबाव था। आज भी यह गिरावट के साथ बंद हुआ है। कंपनी ने कहा कि वह पूरे साल में 75 हजार नए रोजगार को पैदा किया।

चौथी तिमाही में 14,995 करोड़ का फायदा

चौथी तिमाही की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज ग्रुप का कुल रेवेन्यू 1 लाख 72 हजार 95 करोड़ रुपए था जो एक साल पहले जनवरी-मार्च की तुलना में 24.9% ज्यादा है। शुद्ध फायदा 14,995 करोड़ रुपए रहा जो कि एक साल पहले हुए 6,348 करोड़ की तुलना में 129% ज्यादा है। प्रति शेयर आय 20.5 रुपए इस दौरान रही है। केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज की बात करें तो उसका रेवेन्यू 90 हजार 792 करोड़ रुपए रहा है जिसमें 27.1% की बढ़त रही है। शुद्ध लाभ 7,617 करोड़ रुपए रहा है, जो 11.7% कम है।

इस दौरान कंपनी ने 46 हजार 406 करोड़ रुपए के मूल्य का सामान निर्यात किया। यह एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 47% ज्यादा है।

कुल रेवेन्यू 5.39 लाख करोड़ रुपए

कंपनी ने बताया कि इसके पूरे ग्रुप का कुल रेवेन्यू साल भर में 5 लाख 39 हजार 238 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले की तुलना में इसमें 18.3 पर्सेंट की बढ़त रही है। प्रति शेयर आय 76.4 रुपए रही है जिसमें 21.1 पर्सेंट की बढ़त रही है। केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज की बात करें तो इसका रेवेन्यू 2 लाख 78 हजार 940 करोड़ रुपए रहा है। यह एक साल पहले की तुलना में 23.8 पर्सेंट कम है। शुद्ध फायदा 31,944 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले की तुलना में यह 3.4 पर्सेंट ज्यादा रहा है।

निर्यात में 28.3 पर्सेंट की गिरावट

कोरोना के बावजूद कंपनी का निर्यात अच्छा रहा है। पूरे साल भर के दौरान इसने 1 लाख 45 हजार 143 करोड़ रुपए का सामान निर्यात किया। हालांकि उसके पहले के साल की तुलना में यह 28.3 पर्सेंट कम रहा है।

रिटेल बिजनेस में गिरावट

कंपनी ने कहा कि उसके रिटेल बिजनेस यानी रिलायंस रिटेल का कुल रेवेन्यू पूरे साल भर के दौरान 1 लाख 57 हजार 629 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले की तुलना में इसमें 3.3 पर्सेंट की गिरावट दिखी है। जबकि रिटेल का शुद्ध फायदा 5,481 करोड़ पूरे साल भर के दौरान रहा है। यह मामूली ज्यादा है। कंपनी का इस दौरान कुल 12 हजार 711 स्टोरी फिजिकली रूप से चालू था। साल भर के दौरान इसने 1,456 नया रिटेल स्टोर खोला।

रिटेल का तिमाही रेवेन्यू 47 हजार करोड़

रिलायंस रिटेल की तिमाही कारोबार की बात करें तो इसका कुल रेवेन्यू 47 हजार 64 करोड़ रुपए रहा है जो एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 24.4 % ज्यादा है। तिमाही में इसका फायदा 2,247 करोड़ रुपए रहा है जो 22.8 % ज्यादा रहा है। तिमाही के दौरान इसका कुल स्टोर 12,711 था और इस दौरान 826 नए स्टोर इसने खोला।

ऑयल से केमिकल का रेवेन्यू 1 लाख 1 हजार करोड़

कंपनी के ऑयल से केमिकल यानी ओटूसी सेगमेंट की बात करें तो इसका तिमाही में कुल रेवेन्यू 1 लाख 1 हजार 80 करोड़ रुपए रहा है जो एक साल पहले 96,732 करोड़ रुपए था। पूरे साल के दौरान यह 3.20 लाख करोड़ रुपए था। एक साल पहले की तुलना में इसमें 29 पर्सेंट की गिरावट रही है। वित्त वर्ष 2019-20 में कुल रेवेन्यू 4.51 करोड़ रुपए रहा था। गिरावट इस वजह से रही क्योंकि इस दौरान ब्रेंड क्रूड की कीमतें 44.3 डॉलर प्रति बैरल औसत पर रहीं। एक साल पहले यह 61.1 डॉलर प्रति बैरल औसत से थी।

छमाही में मांग में रही गिरावट

कंपनी ने कहा कि पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर 2020 में मांग में भारी गिरावट रही थी। कंपनी पर 31 मार्च 2021 तक कुल 2 लाख 51 हजार 811 करोड़ रुपए का कर्ज था। हालांकि इसके सामने इसके पास 2 लाख 54 हजार 19 करोड़ रुपए का कैश और कैश के बराबर की रकम थी। इस तरह से यह नेट रूप से कर्जमुक्त कंपनी बन चुकी है। कंपनी ने साल भर के दौरान 79 हजार 667 करोड़ रुपए का निवेश किया।

भारत के लिए चुनौती भरा समय है- अंबानी

रिजल्ट के बारे में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत के लिए यह बहुत ही असाधारण तरीके का चुनौती भरा समय रहा है। हमारी तुरंत की जरूरत यह है कि अपने देश और समुदाय के लोगों की कोरोना संकट में मदद करें। हमने अपना बेस्ट रिसोर्स कोरोना से लड़ने के लिए देश को दिया है। हमारी जामनगर की फैसिलिटी जीवन बचाने वाले मेडिकल उपकरणों जैसे ऑक्सीजन का निर्माण कर रही है। कई राज्यों में इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है।

मेडिकल ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट की क्षमता बढ़ाया है

उन्होंने कहा कि हमने मेडिकल ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट की क्षमता को बढ़ाने में भी अर्जेंट कदम उठाया है। यह सभी योगदान हमारे लिए हमारी कंपनी की सालाना प्रदर्शन की मजबूती से ज्यादा संतुष्ट हमें करते हैं। ओटूसी यानी ऑयल से केमिकल और रिटेल सेगमेंट और डिजिटल सेवाओं के बिजनेस में हमने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। जियो की हाई स्पीड कनेक्टिविटी सेवाएं देश के लाखों घरों में वर्क फ्रॉम होम में मदद की हैं। हमने इस दौरान 75 हजार नए रोजगार दिए हैं और इसके साथ ही हेल्थ और सुरक्षा को भी ध्यान में रखा है।

जियो को साल भर में 12,537 करोड़ का फायदा

जियो प्लेटफॉर्म को साल भर में 12,537 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है। जबकि इसके कुल ग्राहकों की संख्या 31 मार्च 2021 तक 42.6 करोड़ रही है। एक साल में इसने 3.79 करोड़ नए ग्राहक जोड़े हैं। इस दौरान इस प्लेटफॉर्म पर कुल 62.5 अरब जीबी डेटा का उपयोग किया गया। इसमें 28.9 पर्सेंट की ग्रोथ रही। इसकी सेवाओं की कुल वैल्यू पूरे साल भर में 86 हजार 493 करोड़ रुपए थी।

तिमाही में फायदा 3,508 करोड़

तिमाही की बात करें तो तिमाही में इसका फायदा 3,508 करोड़ रुपए रहा है जो एक साल पहले की तुलना में आधा पर्सेंट महज बढ़ा है। इसी दौरान इसकी सेवाओं की वैल्यू 21,650 करोड़ रुपए रही है। इसमें 5.3 पर्सेंट की गिरावट आई है। तिमाही में इसने 1.54 करोड़ नए ग्राहक जोडे हैं। प्रति ग्राहक कमाई 138.2 रुपए रही है। जबकि मासिक आधार पर यह 151 रुपए थी। तिमाही कुल डाटा का ट्रैफिक 16.7 अरब जीबी रहा जो 5.2 पर्सेंट की ग्रोथ दिखाता है।

कंपनी ने कहा कि 2020-21 की चौथी तिमाही में प्रति ग्राहक डाटा की खपत 13.3 जीबी मासिक रही है। जबकि वॉयस की खपत 823 मिनट प्रति महीने प्रति ग्राहक रही है।

मीडिया बिजनेस स्थिर रहा

कंपनी ने बताया कि इसका मीडिया बिजनेस भी इस दौरान स्थिर रहा। चौथी तिमाही में मीडिया बिजनसे का रेवेन्यू 1,641 करोड़ रुपए रहा था जो एक साल पहले 1,687 करोड़ रुपए था। साल भर में इसका रेवेन्यू 5,459 करोड़ रुपए था जो कि एक साल पहले 6,186 करोड़ रुपए था।

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