रेल हादसे रोकने के लिए रेलवे ने लिया ये फैसला, पहियों में होगा सेंसर

सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेल डिब्बों, पटरियों और इंजन की जरूरत के रखरखाव की निगरानी के लिए 113 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से रेलवे की योजना अत्याधुनिक रेल पहिया सेंसर खरीदने की है।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे सेंसर आधारित निगरानी प्रणाली पेश करने के लिए जल्द ही वैश्विक निविदा पेश करेगा। यह सेंसर ट्रेन के पहिये से जुड़ा होगा। यह प्रणाली पश्चिमी देशों में काम कर रही है। इससे डिब्बों के सस्पेंशन, रोलर बियरिंग और पटरी की स्थिति को अचानक नुकसान पहुंचने में कमी आती है। इससे रखरखाव में भी मदद मिलेगी।

किन देशों में हो रहा है इस तकनीकी का इस्तेमाल

यह प्रौद्योगिकी ब्रिटेन, स्वीडन और आयरलैंड में उपयोग की जा रही है। इस प्रणाली के तहत कंपन का विश्लेषण किया जाता है। इससे दुर्घटना के इन कारणों का पता लगाया जाता है कि यह बियरिंग की नाकामी से हुई या पहिये या पटरी में गड़बड़ी के चलते।

कैसे पता लगता है गड़बड़ी का

प्रणाली के मुताबिक सेंसर लगातार कंपन और तापमान को रिकार्ड करते हैं। इसके जरिए ऑपरेटर सावधानीपूर्वक अवलोकन के लिए उन बियरिंग की पहचान कर लेते हैं जिससे किसी अन्य तरह के नुकसान को टाला जा सकता है। इस शुरूआती स्तर पर बियरिंग में गड़बड़ी का पता लगने से दुर्घटनाओं को टालने में मदद मिलती है और बियरिंग के लिए रखरखाव कार्यक्रम की योजना बनाई जाती है।

गौरतलब है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा में साल 2015 में कहा था कि इस प्रणाली की योजना बनाई जा रही है ताकि डिब्बों और इंजन के मुख्य हिस्सों की स्थिति की निगरानी की जा सके। अधिकारी ने बताया कि प्रणाली के पहले चरण के परीक्षण को बजट में मंजूरी मिल चुकी है और हम अब निविदा जारी करने के लिए विशेषताओं को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे हैं।

Leave a Reply