लघु वनोपज के भंडारण एवं प्रसंस्करण के लिये बनाये जायेंगे शेड

बिलासपुर । वनों से प्राप्त चिरौंजी, हर्रा, बहेरा, आंवला जैसे लघु वनोपज के भंडारण और प्रसंस्करण हेतु वर्किंग शेड बनाये जायेंगे। यह कार्य मनरेगा से किया जायेगा। संभाग के प्रत्येक जिले में पांच-पांच वर्किंग शेड बनाया जायेगा। जिससे लघु वनोपजों का ज्यादा से ज्यादा दोहन और उनका मूल्य संवर्धन का कार्य हो सके। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा वन विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.पी.मंडल ने आज बिलासपुर संभाग के अधिकारियों की बैठक में उक्ताशय का निर्देश दिया। यह बैठक मंथन सभाकक्ष में आयोजित की गई थी। जिसमें प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव टी.सी.महावर, बिलासपुर संभाग के आयुक्त बी.एल.बंजारे विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक में श्री मंडल ने बताया कि प्राथमिक लघु वनोपज समितियों में स्व-सहायता समूह गठित कर उनके माध्यम से लघु वनोपज भंडारण एवं प्रसंस्करण किया जायेगा। जिससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और उन्हें बिचैलियों से मुक्ति मिलेगी। श्री मंडल ने निर्देशित किया कि हर जिले में पांच-पांच वर्किंग शेड का निर्माण मनरेगा से एक हफ्ते के भीतर स्वीकृत करें।  श्री मंडल ने सुराजी ग्राम योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बारी योजना का क्रियान्वयन सर्वोच्च प्राथमिकता से करने कहा। उन्होंने गौठानों के बेहतर संचालन के लिये विभिन्न विभागों को समन्वय से कार्य करने का निर्देश दिया। हरेक गौठान के लिये प्रभारी नियुक्त किया जाये, साथ ही गौठान समिति को भी सक्रिय किया जाये। सभी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गौठानों के बारे में हर दिन रिपोर्ट लें।
वृक्षारोपण का कार्य गंभीरता से करें
श्री मंडल ने संभाग में वृक्षारोपण की समीक्षा की और इस कार्य को गंभीरता से करते हुए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण स्कूल, गौठान एवं अन्य जगहों पर करने का निर्देश दिया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री चतुर्वेदी ने कहा कि 31 अगस्त तक वृक्षारोपण का कार्य पूर्ण कर लिया जाये। उन्होंने बताया कि घर-घर जाकर पौधे वितरण का कार्य सफलतापूर्वक किया गया है और इसे लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिला। उन्होने बताया कि अगले वर्ष पौध वितरण का कार्य और भी सुनियोजित तरीके से किया जायेगा। श्री मंडल ने नेशनल रिसोर्स मैनेजमेंट के तहत 15 सितंबर तक लक्ष्य अनुरूप कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। इस अभियान के तहत वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण, सघन वनीकरण के साथ-साथ पारंपरिक और अन्य जल निकायों एवं तालाबों का नवीनीकरण तथा वाटर शेड आदि के कार्य किये जायेंगे। श्री मंडल ने कहा कि वर्षा ऋतु चारा उत्पादन के लिये उपयुक्त है। इसलिये ग्रामीणों क्षेत्रों के चारागाहों में चारा उगाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाये। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री टी.सी.महावर ने बताया कि मनरेगा के तहत 400 करोड़ रूपये की राशि का आबंटन प्राप्त हुआ है। यह राशि शीघ्र ही मिलेगी, जिससे मनरेगा का भुगतान किया जायेगा। उन्होंने शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं की प्रगति के संबंध में जानकारी दी। संभागायुक्त ने बैठक के महत्वपूर्ण मुद्दों से अवगत कराया।  बैठक में बिलासपुर कलेक्टर डॉ.संजय अलंग, रायगढ़ कलेक्टर यशवंत कुमार, जांजगीर कलेक्टर जनक पाठक, सीसीएफ श्री एच.एल.रात्रे, सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, वनमण्डलाधिकारी आदि उपस्थित थे।

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