शहाबुद्दीन के जेल ट्रांसफर पर चंदा बाबू ने जताई खुशी, आशा रंजन ने कहा- ताउम्र रहें बाहर

सुप्रीम कोर्ट के बाहुबली राजद नेता और सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सीवान जेल से तिहाड़ जेल भेजे के फैसले से पीड़ित याचिककर्त्ता चंदा बाबू और उनकी पत्नी ने थोड़ी राहत की सांस ली है.

चंदा बाबू ने कहा कि शहाबुद्दीन के सीवान और बिहार से बाहर रहने से यहां के लोगों में भय और दहशत खत्म होगा और केसों के गवाह निर्भीक होकर कोर्ट में अपनी गवाही देंगे.

वही दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की विधवा शिक्षिका आशा रंजन ने भी हल्की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शहाबुद्दीन जैसे लोगों को ताउम्र सीवान से बाहर रहना चाहिए.

दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शहाबुद्दीन की पत्नी और राजद नेत्री हीना शहाब ने मीडिया से मिलने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और वे कोर्ट का सम्मान करती हैं. उन्हें विश्वास है कि उनके साथ इन्साफ होगा.

हालांकि शहाबुद्दीन की पारिवारिक मित्र पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष लीलावती गिरि ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि सीवान जेल में रहते हुए शहाबुद्दीन ने किसको धमकी दी है और क्या अपराध किया है, ये बताने वाला कोई नहीं है लेकिन राजनीतिक साजिश के कारण उन्हें तिहाड़ जेल भेजा जा रहा है.

लीलावती गिरि ने ये भी कहा कि शहाबुद्दीन राजद के फाउंडर मेंबर हैं और उन्हें पार्टी से अलग किये जाने का सवाल ही नहीं उठता.

इधर,उच्चत्तम न्यायालय के फैसले के बाद सीवान में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गयी है. शहर भर में पुलिस बलों की तैनाती के साथ साथ चंदा बाबू और आशा रंजन के घर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गयी है.

सीवान एसपी सौरव कुमार शाह की मानें तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रति प्राप्त हो चुकी है जो कि 87 पन्नों की है. कोर्ट के आदेश में शहाबुद्दीन को एक सप्ताह के अंदर तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने की बात कही गयी है. लिहाजा, सीवान पुलिस प्रशासन उन्हें सीवान मंडलकारा से तिहाड़ जेल भेजने की तैयारियों में जुट गया है.

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