संभलिए! धरती एक डिग्री गर्म हुई तो पीने के पानी को तरस जाएंगे

मौसम का एक डिग्री सेल्सियस गर्म या ठंडा होना तो सामान्य सी बात है। लेकिन जब बात पूरी धरती के औसत तापमान की हो तो इसमें मामूली सी बढ़ोतरी के भयंकर नतीजे सामने आते हैं।

नासा के मुताबिक धरती का औसत तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। अब भी संभल जाएं! धरती एक डिग्री गर्म हुई तो पीने के पानी के लिए तरस जाएंगे।

खतरे को ऐसे समझें

जल
2005 में भूमध्य रेखा के पास साफ पानी के तमाम स्नेत सूख चुके हैं
21वीं सदी के अंत तक धरती के एक तिहाई हिस्से से पीने का पानी खत्म होगा

जमीन
1930 में अमेरिका के नेब्रास्का में हराभरा इलाका रेगिस्तान जैसा बना
14 डिग्री धरती की सतह का औसत तापमान 1951 से 1980 के बीच दर्ज

2015 में अमेरिका ने बाढ़ , तूफान से 67 हजार करोड़ का नुकसान झेला
6 मीटर बढ़ जाएगा समुद्र का जलस्तर यदि धरती का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ा
1.5 मीटर ऊपर है समुद्रतल से हिन्द महासागर में स्थित मालदीव, इसके डूबने का खतरा

दिल्ली में ‘अर्बन हीट आईलैंड’ बने

दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में अर्बन हीट आईलैंड बन रहे हैं। ये आइलैंड दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में बन गए हैं। शाहदरा, पालम, राजघाट और ओखला जैसे क्षेत्र इसके प्रमुख उदाहरण हैं। अर्बन हीट आईलैंड बनने का मतलब है एक ही शहर के अलग-अलग इलाकों के तापमान में ज्यादा अंतर।

ग्लेशियरों के सिकुड़ने से पानी की कमी होगी। हिमाचल प्रदेश में इस कारण परंपरागत तालाब सूख गए। इसका असर पीने के पानी पर पड़ रहा है। इन्हीं स्नेतों से यहां पाइपलाइन के जरिये पानी घरों तक पहुंचाया जाता है।-डॉ. आरबी सिंह, अध्यक्ष, इंटरनेशनल ज्योग्राफिक यूनियन

देश में दिख रहा असर
8% देश का भूभाग तूफान से बार-बार जूझ रहा
5% हिस्से में बाढ़ की आशंका बढ़ गई
1951 के बाद मानसून का कालचक्र बदला

हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, विदर्भ, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में हर साल सामान्य से आठ दिन अधिक लू चल रही है।

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