सबूत कह रहे हैं मुरथल में गैंगरेप हुआ, हाईकोर्ट ने कहा- अपराधियों को खोजो

मुरथल कथित गैंगरेप कांड को लेकर एक बार फिर से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि कुछ गवाहों के बयान और घटनास्थल से बरामद महिलाओं के अंडरगारमेंट्स इस और इशारा कर रहे हैं कि फरवरी 2016 में हुए जाट आरक्षण विरोध प्रदर्शन के दौरान मुरथ में गैंगरेप हुए. इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस और मामले की जांच कर रही एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम) को जल्द से जल्द अपराधियों का पता लगाना चाहिए.

बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपनी टिप्पणी दी और कहा कि मामले में सामने आई गवाहियां और कुछ सबूतों के बाद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि गैंगरेप हुआ हैं. बेंच ने एसआईटी को निर्देश दिया कि 28 फरवरी तक आरोपियों की पहचान की जाए.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सुर्खियों में आए इस मामले पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई जारी रखी है. बेंच ने गुरुवार को कहा कि मौके से महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स, बॉबी जोशी और राज कुमार नामक टैक्सी ड्राइवर के उस बयान को देखते हुए जाहिर हो रहा है कि रेप हुए हैं. बयान के मुताबिक उपद्रवियों ने महिलाओं को जबरन टैक्सी से बाहर खींचा था. ऐसे में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए एसआईटी को गंभीरता के साथ दोषियों का पता लगाने का काम करना चाहिए.

गुरुवार को सुनवाई शुरु होते ही हरियाणा सरकार की ओर से जो दलीलें पेश की गई उससे इस मामले में एक नया मोड़ आ गया. मुरथल गैंगरेप के स्टेटस पर एसआईटी की रिपोर्ट पेश की गई. एसआईटी की रिपोर्ट में बताया गया कि अंडरगारमेंट्स पर जो सीमन पाए गए थे, उनका मिलान हिरासत में लिए गए आरोपियों के सीमन से नहीं हुआ था. ऐसे में उन आरोपियों से रेप की धारा हटा कर चालान पेश किया गया है.

एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने एसआईटी पर गैर पेशेवर तरीके से जांच करने का आरोप लगाते हुए और सोनीपत की ज्यूडिशल ऑफिसर गगनदीप कौर की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए हरियाणा सरकार पर आरोप लगाए. गुप्ता ने कहा कि जिन पांच आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किए गए गए, उसमें यह कहा गया है कि सरकार ने गैंगरेप की धारा एफआईआर से बाहर कर दी है.

हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस प्रकार कैसे गैंगरेप से इनकार किया जा सकता है. सरकार ने कहा कि यह शाब्दिक गलती है. इस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को ट्रायल कोर्ट के सामने हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्टीकरण देने को कहा है. हाईकोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार ट्रायल कोर्ट के सामने हलफनामा दाखिल कर स्पष्टीकरण दे कि पांच आरोपियों पर रेप साबित नहीं हुआ है, न कि एफआईआर से रेप को हटाया गया है.

सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि मामले में कोर्ई पीड़िता सामने नहीं आई है और न ही कोई चश्मदीद गवाह है. ऐसे में गैंगरेप की बात साबित नहीं होती, लेकिन जांच जारी है. एमीकस क्यूरी गुप्ता ने टैक्सी ड्राइवर के बयान को पेश करते हुए कहा कि एसआईटी ने इसे जांच में शामिल तक नहीं किया. उन्होंने एसआईटी की तरफ से पेश किए गए गवाहों के बयानों पर शक भी जाहिर किया.

बेंच के सामने दोनों पक्षों में लंबी बहस चली और बेंच ने कहा कि हमें एसआईटी की मंशा पर कोई शक नहीं है, लेकिन जिस तरह जांच हो रही है उसे देख कर ऐसा लगता है कि एसआईटी को जांच आगे बढ़ाते हुए गंभीरता दिखानी चाहिए थी.

एमिकस क्यूरी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि मुरथल में गैंगरेप नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यदि वहां गैंगरेप नहीं हुआ था तो आखिर क्या हुआ था? ऐसी क्या वजह थी कि राज्य सरकार के तमाम सीनियर अफसरों को मौके का दौरा करना पड़ा? उन्होंने घटना वाली रात मौके पर मौजूद अफसरों की फोन कॉल डीटेल भी सामने लाए जाने की मांग की ताकि यह पता लगाया जा सके कि असल बात क्या है?

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