साजिश का शिकार तो नहीं हो रहा एमपी का किसान आंदोलन, ये घटनाएं कर रही इशारा ?

मध्यप्रदेश में जारी किसान आंदोलन लगातार हिंसा की लपटों से घिरा हुआ है। बुधवार को मंदसौर में हुई फायरिंग में छह किसानों की मौत हो गई जबकि दर्जनों घायल हैं। घटना के बाद से प्रदेशभर में किसानों का आक्रोश भड़का हुआ है और हिंसा की आग मंदसौर से निकलकर राज्य के बाकी शहरों तक भी पहुंच गई है। जिसे देखते हुए केंद्र ने RAF की दो और कपंनियों को एमपी के लिए रवाना कर दिया है।
 
पूरे राज्य में किसानों का यह आक्रोश हर किसी के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। किसान जिस तरह प्रशासन और सरकारी संपत्ति के प्रति आक्रामक रवैया अपनाए हुए हैं वह कई सवाल छोड़ रहा है?

आंदोलन के पीछे अब राजनीतिक साजिश के आरोप भी लगने शुरू हो गए हैं। राज्य का प्रशासनिक तंत्र अचानक भड़की इस आग के लिए सियासी दलों और उनके कारिंदों को जिम्मेदार मान रहा है, सरकार के बाद अब प्रशासन भी कहने लगा है कि इस आंदोलन के बहाने जानबूझकर कुछ लोग अपने राजनीतिक हित साधने के लिए किसानों को भड़का कर हिंसा की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। 

देश में सबसे ज्यादा कृषि विकास वाला राज्य है मध्यप्रदेश

असल में इससे पहले कि राजनीतिक साजिश के आरोपों पर हम किसी अंजाम तक पहुंचे आंदोलन को लेकर कुछ सवाल तलाश लेने जरूरी हैं। यह जानना भी जरूरी है कि क्या मध्यप्रदेश का किसान वाकई इतना मजबूर हो गया कि उसे अपनी बात सुनाने के लिए हिंसा का सहारा लेना पड़े वो भी इतने आक्रामक अंदाज में।

यह सवाल इसलिए भी खड़ा हो जाता है क्योंकि मध्यप्रदेश के किसानों को दूसरे राज्यों के किसानों के मुकाबले ज्यादा संपन्न माना जाता है। राज्य की कृषि विकास दर भी पिछले कई सालों से 15 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ी, जो हालिया वषों में 20 फीसदी तक पहुंच गई है। चार सालों से मध्यप्रदेश लगातार कुल खाद्यान्न उत्पादन में केंद्र सरकार का प्रतिष्ठित कृषि कर्मण पुरस्कार जीतता आ रहा है।

राज्य की सिंचाई व्यवस्‍था में भी गुणोत्तर सुधार हुआ है। साल 2010-11 में जहां नहरों से सिंचित क्षेत्र मात्र मात्र पौने दस लाख हेक्टेयर के आसपास था, वो चार सालों में बढ़कर वर्ष 2014-15 तक 32 लाख 29 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया।

 
इसके अलावा सहकारी ऋण की ब्याज दर भी अन्य राज्यों के मुकाबले यहां काफी कम है। ऐसे में पहली नजर में यह यकीन करना थोड़ा मुश्किल नजर आता है कि अपनी मांगों को लेकर मध्यप्रदेश के किसान एकाएक इस कदर हिंसक हो जाएंगे। अब एक नजर दूसरी घटनाओं पर।

थाने को जलाने की धमकी देती दिखीं कांग्रेस विधायक

मामले में सियासी षडयंत्र के आरोपों को उस समय भी बल मिला जब शुक्रवार को कांग्रेस की एक विधायक शंकुतला खटीक की एक वीडियो वायरल हुई। जिसमें ‌किसानों या कार्यकर्ताओं से घिरीं विधायक पुलिस के सामने ही थाने को जला देने की धमकी दे रही हैं। वीडियो में विधायक साफ कहती सुनी गईं कि "थाने को आग लगा दो"। इस दौरान वहां खड़े पुलिसवाले उन्हें रोकते दिख रहे हैं लेकिन समर्थकों के साथ मौजूद विधायक का पारा हाई हुआ जा रहा है।

गाड़ियों को जलाने का बयान देते दिखे जिला पंचायत उपाध्यक्ष
इसके कुछ दिन पहले ही रतलाम से एक और वीडियो सामने आया जिसमें कांग्रेस नेता और जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ लोगों को भड़काते हुए कह रहे हैं कि जो भी सामने आया उससे डरना मत। वीडियो में वो कह रहे हैं "ये दम रखना है कि एक भी गाड़ी आ जाए तो जला देना, थाना-पुलिस से डरने की कोई जरूरत नहीं है। अगर मैं गिरफ्तार हो जाऊं तो ये तुम्हारी जवाबदेही है, डरने की जरूरत नहीं है, हमें जो करना पड़ेगा हम करेंगे।"

उनके इस बयान पर सामने बैठी भीड़ तालियां भी बजाती दिख रही है। यह वीडियो तीन जून का बताया जा रहा है। खास बात ये है कि तब तक किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था लेकिन उस वी‌डियो के कुछ घंटे बाद ही प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिनमें पुलिस की भी तीन गाड़ियां थीं। इस घटना के बाद से ही धाकड़ फरार हैं। पुलिस ने उन पर दस हजार रुपये का ईनाम घोषित कर दिया है।

विधायक जीतू पटवारी पर लगा था भीड़ को भड़काने का आरोप

इस घटना से कुछ दिन पहले ही टीवी पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें इंदौर के एसडीएम संदीप सोनी इंदौर के कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी से सवाल करते दिख रहे हैं। संदीप विधायक से सवाल करते सुनाई दे रहे हैं कि "आप तो कह रहे थे कि मैं पूरी जिम्मेदारी ले रहा हूं कोई हिंसा नहीं होगी। अब ‌इस हिंसा के लिए क्या आप जिम्मेदारी लेते हैं?, बोलिए विधायक जी क्या आप इस हिंसा की जिम्मेदारी लेंगे।" वहीं विधायक एसडीएम की बात टालते दिखाई दे रहे हैं। खास बात ये है कि पहले दिन हुई हिंसा में विधायक जीतू पटवारी भी सवालों के घेरे में हैं जिन पर भीड़ को भड़काने का आरोप लग रहा है।

वायरल हो रही यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष की धमकी भरी वाट्सएप चैट
मंदसौर में हुई हिंसा के बाद यूथ कांग्रेस के एक नेता पर भी इस आग को भड़काने के आरोप लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रतलाम के यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष बताए जा रहे श्याम गुर्जर की एक फेसबुक पोस्ट में वह मंदसौर को घेरने के लिए हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं से मंदसौर पहुंचने की अपील कर रहे हैं। श्याम गुर्जर की ही एक वाट्सएप चैट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें वह अपने साथियों से सड़क खोदने और जेसीबी मंगाने की बात कर रहे हैं।

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