सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दलित महिला के हाथों बेर खाए थे,उसी गांव में रोकी दलित की बारात

राजगढ ।   जिस गांव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने एक आदिवासी परिवार के घर पहुंचकर महिला के हाथों बेर खाए थे उसी गांव में बीती रात को दबंगों ने पुलिस की मौजूदगी में दलित परिवार की बारात रोक दी। पुलिस ने इसका विरोध किया तो बारात व पुलिसकर्मियों पर भी पथराव कर दिया। घटना के बाद भारी संख्या में पुलिसबल के साथ कलेक्टर, एसपी पहुंचे। इसके बाद बारात लगी व विवाह संपन्न् हो सका। पुलिस ने 22 नामजद सहित 40 पर प्रकरण दर्ज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक जीरापुर थाने के गांव पीपल्यकला में रविवार रात को दीपक मेघवाल की बहन की शादी थी। विवाह के चलते खुजनेर थाने के गांव पाटनखुर्द गांव से बारात पहुंची थी। बारात के दौरान हंगामा व बारात रोकने के अंदेशे के चलते दीपक ने 14 मई को ही जीरापुर थाने को अवगत करा दिया था। जिसके चलते पुलिसकर्मी भी बारात के दौरान गांव में थी। लेकिन देर रात को जब बारात गांव पहुंची और बारातियों ने बारात निकालना शुरू किया तो दबंगों ने बारात को रोकने का प्रयास किया। जब बारात नहीं रूकी तो पत्थराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते हंगामा हो गया। इसके बाद पूरी घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इसके बाद कलेक्टर हर्ष दीिक्षत, एसपी प्रदीप शर्मा पुलिसबल के साथ रात 12 बजे बाद गांव पहुंचे। अधिकारियों के गांव पहुंचने के बाद पुलिस की मौजूदगी में वरमाला सहित पूरे वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न हो सके। सुबह बारात की विदाई हो गई। घटना के बाद पुलिस ने 22 नामजद सहित 40 पर प्रकरण दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने गांव में कर ली थी बैठक, फिर भी नहीं रोका जा सका हादसा

जानकारी के मुताबिक दुल्हन के भाई दीपक मेघवाल ने शादी के दौरान दबंगों द्वारा व्यवधान पैदा करने की आशंका के चलते 14 मई को जीरापुर थाने में आवेदन दिया था। इसके बाद पुलिस ने गांव में पहुंचकर गांव के सरपंच व पटेल सहित जिम्मेदार लोगों के साथ एक बैठक कर ली थी। बैठक के दौरान पुलिसकर्मियों ने संबंधितों को समझाइश दी थी कि कोई विवाह में किसी प्रकार का व्यवधान न डाले, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। उधर दीपक मेघवाल पक्ष को भी आगाह किया था कि बारात जल्दी बुलवाना व दिन में ही बारात लगवाना, ताकि अंधेरे में कोई पत्थराव व व्यवधान पैदा न कर सके। लेकिन रात होने के साथ ही पत्थराव कर दिया।

मुख्यमंत्री ने इसी गांव में खाए थे भगवतीबाई के घर पहुंचकर बेर

पीपल्याकला वही गांव है जहां पर 28 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान शासकीय व पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने पहुंचे थे। कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद वह आदिवासी परिवार भगवतीबाई के घर पहुंचे थे। जहां उन्होंने भगवतीबाई के हाथो से बेर खाए थे। भगवतीबाई ने यह कहकर उन्हें बेर खिलाए थे कि भैया यह शबरी के बेर है खा लो। यह सुनकर शिवराजसिंह ने न केवल उनके हाथों से बेर खाए थे, बल्कि पत्नि साधनासिंह के लिए भी यह बोलते हुए बेर मांगे थे कि कुछ बेर मामी के लिए भी रख देना, भोपाल ले जाउंगा।

इनका कहना है

पहले ही दुल्हन के भाई ने थाने पर सूचना दे दी थी, इसलिए पुलिकर्मी वहां मौजूद थे, लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर पथराव कर दिया। बाद में ओर पुलिसबल के पहुंचने के बाद विवाह संपन्न हो गया। हमने 22 नामजद सहित 40 पर एफआईआर की है।

प्रभात कुमार, थाना प्रभारी जीरापुर

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