हरियाणा के प्रदूषित पानी के कारण कम हुई दिल्ली में पानी आपूर्ति

फरीदाबाद । दिल्ली जलबोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढ़ा ने हरियाणा द्वारा दिल्ली के हिस्से के कच्चे पानी की आपूर्ति में कमी किये जाने और यमुना में बढ़ते अमोनिया के मुद्दे को लेकर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से हस्तक्षेप करने की मांग की है। चड्ढ़ा ने टवीट कर इस बारे में जानकारी दी। जलबोर्ड उपाध्यक्ष ने कहा कि जल संसाधन मंत्री दिल्ली के हिस्से के पानी को जारी करने और अमोनिया के बढ़ते स्तर पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा सरकार को निर्देश दें। राघव चड्ढ़ा ने कहा कि हरियाणा सरकार के सुस्त रवैये के चलते यमुना में बड़ी मात्रा में औद्योगिक वेस्ट डाला जा रहा है जिससे यमुना में अमोनिया बढ़ रहा है और हमारे यहां वाटर प्रोडक्शन में कमी आती है। हमारे लैब में चैक किये गये वाटर सैंपल से इस बात की पुष्टि हुई है। इतना ही नहीं दिल्ली जलबोर्ड इस मुदुदे को लेकर लगातार हरियाणा सरकार के साथ संपर्क में है। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। टवीट में आगे चड्ढ़ा ने कहा कि हरियाणा द्वारा दिल्ली में कच्चे पानी की आपूर्ति में कमी किये जाने के कारण राजधानी में वाटर प्रोडक्शन में भारी कमी आ गई है। इसके चलते वजीराबाद और चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीटमेंट की क्षमता में 30 प्रतिशत और ओखला प्लांट की उत्पादन क्षमता में 15 प्रतिशत की कमी आई है। इससे दिल्ली के कई इलाकों में जलापूर्ति बाधित हो सकती है। चड्ढ़ा ने आगे कहा कि वर्तमान में हरियाणा सीएलसी नहर के माध्यम से दिल्ली को केवल 549.16 क्यूसेक पानी की आपूर्ति कर रहा है जबकि यह 683 क्यूसेक होनी चाहिए और डीएसबी नहर के माध्यम से 306.63 क्यूसेक की आपूर्ति की जा रही है जबकि 330 क्यूसेक की जलापूर्ति होनी चाहिए।

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