हाईकोर्ट को जिग्नेश मेवाणी को हलफनामा दाखिल करने का आदेश

अहमदाबाद | विवादित ट्वीट को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है| बता दें कि जिग्नेश मेवाणी ने किसी स्कूल के वीडियो को वलसाड की आरवीएम स्कूल से जोड़ते हुए अपने ट्वीटर एकाउंट पर पोस्ट कर दिया था| जिसके बाद आरवीएम स्कूल ने जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ वलसाड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवा दी थी| इस मामले में वलसाड कोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिलने पर जिग्नेश मेवाणी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी|
गुजरात हाईकोर्ट के न्यायधीश वीएम पंचोली ने जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी पर और एक दिन की रोक लगाते हुए उनसे मंगलवार को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है| जिसमें जिग्नेश मेवाणी को लिखना होगा कि उनसे गलती हो गई| न्यायधीश ने कहा कि कोई आम व्यक्ति ऐसी कोई पोस्ट शेयर करता है तो समझ में आता है| लेकिन जिग्नेश मेवाणी विधायक हैं और उन्हें ऐसी किसी भी वस्तु को शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई जाननी चाहिए| वकील आनंद याज्ञिक और उत्कर्ष दवे ने हाईकोर्ट में जिग्नेश मेवाणी की पैरवी करते हुए कहा कि गलती का अहसास होने उनके मुवक्कील ने विवादित ट्वीट डिलीट कर दिया था और इस बारे में खुलासा भी किया था| 21वीं सदी वास्तव में मानहानि क्या है, यह समझना जरूरी है|
गौरतलब है गुजरात विधानसभा का सत्र चल रहा है और जिग्नेश मेवाणी ने अग्रिम जमानत के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी| इससे पहले वलसाड सत्र न्यायालय ने इस मामले में कस्टोडियल जांच जरूरी होने का संज्ञान लेते हुए जिग्नेश मेवाणी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी|
दरअसल निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने गत 20 मई को अपने ट्वीटर एकाउंट पर वीडियो शेयर किया था| जिसमें वलसाड आरएमवीएम स्कूल में बच्चों को किस प्रकार पीटा जाता है, उसकी क्रूरता से खुद को व्यथित बताते हुए पीएमओ को टेग किया था| लेकिन वीडियो की सच्चाई का पता चलते ही जिग्नेश मेवाणी ने उसे तुरंत अपने एकाउंट से डिलीट कर दिया था और स्पष्टता भी की थी| लेकिन आरएमवीएम स्कूल की प्रिन्सिपल बीजल पटेल ने 13 जून को जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ वलसाड पुलिस थाने में मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई थी|

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