हिंद महासागर में बढ़ रही चीन की मौजूदगी, अमेरिका ने बताया चिंताजनक

अमेरिका। अमेरिका ने शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से चीन की ओबीओआर(वन बेल्ट वन रोड) पहल पर सवाल उठाया। अमेरिकी प्रशांत बेड़े के कमांडर एडमिरल स्कॉट स्विफ्ट ने नौसैनिक सहयोग के तहत भारत के नागरिक और सैन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। 

इस दौरा उन्होंने कहा कि चीनी जहाजें लगातार ओबीओआर का दौरा कर रही हैं। इस समय कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब मिलना जरूरी है। चीन ने हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है।

इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए भारत और अमेरिका क्या कर सकते हैं इस पर भी उन्होंने अधिकारियों से चर्चा की। चीनी कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र में चिंता का विषय है। उन्होंने आगे कहा कि वो हर देश के दौरे के दौरान चीन के ओबीओआर कार्यक्रम के लक्ष्य और उनकी अस्पष्टता का मामला उठाते रहे हैं। 

इस साल के शुरुआत एडमिरल हैरी हरीस ने भी चीनी पनडुब्बियों के संयुक्त गश्ती और निगरानी पर बात की थी। अगर भारत बचे हुए फाउंडेशनल समझौते पर हस्ताक्षर करता है तो इससे चीन की ये महत्वकांक्षा सार्वजनिक रूप से कम व्यक्त हो पाएगी। इसके अलावा स्विफ्ट ने  'पास-एक्स' और आगामी मालाबार अभ्यास के बारे में भी बात की थी।

गौरतलब है कि भारत और अमेरिका समूह वाहक प्रौद्योगिकी और निर्माण पर काम कर रहे हैं, स्विफ्ट ने इस बात की ओर इशारा किया कि इसकी प्रगति काफी धीमी है। 

आपको बता दें कि ओबीओआर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट है। चीन ने इसमें करीब ४६ अरब डॉलर की लागत लगाई है। भारत हमेशा से ही इसका विरोध करता रहा है। चीन ने अपनी इस नीति के तहत लंदन तक इस ट्रेन का संचालन शुरू कराया है जिससे चीन की सीधी पहुंच पश्चिमी यूरोप के बाजारों तक हो गई है।

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