11 फरवरी को है चंद्रग्रहण, इस चंद्रग्रहण पर नहीं लगेगा सूतक

चंद्रग्रहण को लेकर आमतौर पर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां रहती हैं। कई तरह के शकुन-अपशकुन इससे जोड़कर देखे जाते हैं। माना जाता है कि सभी 12 राशियों पर चंद्रग्रहण का असर पड़ता है। इस साल चंद्र ग्रहण दो बार लगेगा। पहला चंद्रग्रहण 11 फरवरी को तड़के 04:06:26 बजे शुरु होगा। 06:14:39 बजे ग्रहण अपने चरम पर रहेगा और 08:22:53 बजे समाप्त होगा। विशेष बात यह है कि 11 फरवरी को लगने वाले प्रथम चंद्रग्रहण में सूतक नहीं लगेगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह एक छाया ग्रहण है और धर्म शास्त्रों में छाया ग्रहण पर सूतक प्रभावी नहीं होता। इसलिये इस ग्रहण पर सूतक नहीं लगेगा। कुल मिलाकर 04 घंटे 16 मिनट 27 सैंकिड की अवधि इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण की रहेगी । वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 अगस्त को लगेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा।

क्या है चंद्रग्रहण
चंद्रग्रहण एक खगोलीय स्थिति है। इसमें चंद्रमा, पृथ्वी के और पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर चक्कर काटते हुए एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है और चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया से होकर गुजरता है तो उसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। ऐसा केवल पूर्णिमा को ही संभव होता है, इसलिये चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा को ही होता है।

सूर्यग्रहण को भी जानें
सूर्यग्रहण के दिन सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आता है जो कि अमावस्या को संभव है। ब्रह्मांड में घटने वाली यह घटना है तो खगोलीय लेकिन इसका धार्मिक महत्व भी बहुत है। इसे लेकर आम जन मानस में कई तरह के शकुन-अपशकुन भी व्याप्त हैं । माना जाता है कि सभी बारह राशियों पर ग्रहण का प्रभाव पड़ता है। तो आइये जानते हैं कि 2017 में चंद्र ग्रहण कब और कितनी बार नज़र आयेगा।

कहां कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
11 फरवरी को लगने वाला यह ग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के भी अधिकतर देशों में दिखाई देगा। 7 अगस्त को लगने वाला आंशिक चंद्र ग्रहण भी भारत में देखा जा सकेगा।

चंद्रग्रहण में ये रखें सावधानी
चंद्रग्रहण हो या सूर्यग्रहण एक सवाल हमेशा सामने आता है कि ग्रहण के दिन क्या करें क्या न करें। खलोलीय जानकार कहते हैं कि चन्द्र ग्रहण के दिन बुजुर्ग, रोगी एवं बच्चों को छोड़कर घर के बाकी सदस्य भोजन न करें तो श्रेष्ठ है। गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण में घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जाती है । माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा होता है इसलिये घर में रहकर मंत्रोंच्चारण करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

किसी भी प्रकार के शुभ कार्य ग्रहण के दिन न करें
अपने मन में गलत भावनाओं को न पनपने दें। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और अपने आराध्य देव का ध्यान लगाएं।

जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढईया का प्रभाव चल रहा है, वे शनि मंत्र का जाप करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।

जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है, वे इसके निवारण के लिये चंद्रग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करें तो इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगें।

आटा, चावल, चीनी, श्वेत वस्त्र, साबुत उड़द की दाल, सतनज, काला तिल, काला वस्त्र आदि किसी गरीब जरुरतमंद को दान करें।

ग्रहों का अशुभ फल समाप्त करने और विशेष मंत्र सिद्धि के लिये इस दिन नवग्रह, गायत्री एवं महामृत्युंजय आदि शुभ मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता, गजेंद्र मोक्ष आदि का पाठ भी कर सकते हैं।

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