2 हजार करोड़ रुपए के नोएडा वेबवर्क कांड की सीबीआई जांच के आदेश
कंपनी के निदेशकों ने आम जनता को ऑनलाइन इनवेस्टमेंट का प्रलोभन दिया। अपनी निवेश योजना का टेलीविजन और समाचार पत्रों के माध्यम से फिल्मी सितारों के जरिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराया। कंपनी के प्रतिनिधि सुनील कुमार जैन और जीएस वर्मा के मार्फत याची की मुलाकात कंपनी के निदेशकों अनुराग गर्ग और संदेश वर्मा से हुई।
याचिका में रखी गई कई मांग
याची को बताया गया कि कंपनी के ऑनलाइन पोर्टल बिजनेस में निवेश करने पर उसे अच्छा मुनाफा होगा। यह भी बताया कि उनका बिजनेस कंज्यूमर अफेयर्स, फू ड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त है। इस प्रलोभन में आकर याची ने भी काफी बड़ा निवेश कंपनी में किया था। बाद में उसे पता चला कि कंपनी ने आम जनता के साथ ही उसे भी ठगा है।
याचिका में मांग की गई कि करोड़ों रुपये की ठगी और हजारों निर्दोष निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। कोर्ट ने केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था।
पुलिस की जांच रिपोर्ट भी सीलबंद लिफाफे में तलब की गई। 17 अप्रैल को पुलिस ने जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत की थी। इसे देखने के बाद अदालत ने जांच की प्रगति से असहमत होते हुए प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी है। कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता अमित मिश्र भी मौजूद थे।