20 साल की उम्र हो गई तो अब हर माह कराएं ऐसा चेकअप
रायपुर। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के तत्वावधान में दो दिवसीय सेमिनार का रविवार को समापन किया गया। मौके पर बतौर वक्ता डॉ. संजीव गुलाटी, डॉ. विकास जायसवाल, डॉ. एसजे आचार्या और डॉ. चेतना रमानी शामिल हुए। आयोजन में रामकृष्ण केयर के डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे, डॉ. तनुश्री, डॉ. प्रभाष चौधरी मौजूद रहे। समिनार में पहुंचे सभी वक्ताओं ने मरीजों के रुटीन चेकअप पर जोर दिया।
प्रथम सत्र में दिल्ली से आए डॉ. संजीव गुलाटी ने कहा कि 20 की उम्र के बाद हर व्यक्ति को महीने में एक बार रुटीन चेकअप करवाना चाहिए। इसका फायदा ये होगा कि उसकी आयु 100 वर्ष तक आसानी से चली जाएगी। किसी भी प्रकार की बीमारी का उसको सामना नहीं करना पड़ेगा।
रुटीन चेकअप से नहीं आती समस्या
डॉ. गुलाटी ने बताया कि युवा होने के बाद बहुत ही कम लोग रुटीन मेडिकल चेकअप करवाते हैं। इसका नुकसान होता है कि शुगर और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां 35 तक की आयु में हो जाती हैं। हर व्यक्ति को इस बात को समझना होगा कि हम पेस्टिसाइट से मिला हुआ खाना खा रहे हैं। जो ऑक्सीजन हमारे अंदर जा रही है, वह प्रदूषित है। इन बातों को ध्यान देकर नियमित एक माह में हर व्यक्ति को चेकअप करवाना चाहिए।
देर से हो रही शादी के कारण बच्चों में आ रही किडनी की समस्या
बतौर विशेषज्ञ डॉ. चेतना रमानी ने बताया कि अब उम्र की सीमा के बाद लोग शादी कर रहे हैं। हर युवा जोड़ा करीब 30 से 35 वर्ष के बीच शादी कर रहा है। इससे महिला का गर्भाशय उतना बेहतर नहीं होता। गर्भधारण के बाद गर्भस्थ शिशु के अंगों का विकास होता है, लेकिन आंतरिक अंक कमजोर हो जाते हैं। इसमें सबसे ज्यादा बच्चों के किडनी के केस सामने आ रहे हैं।
बतौर वक्ता एसजे आचार्या ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति देश के लोग जागरूक नहीं हैं। किडनी ट्रांस्प्लांट में 100 प्रतिशत में 40 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं, जो दवाई लेना छोड़ देते हैं। एक या दो वर्ष में फिर से किडनी में समस्या आने लगती है। इसमें सबसे ज्यादा औसत युवाओं का है। किडनी के ट्रांस्प्लांट वाले व्यक्ति को नियमित दवाई लेना बहुत जरूरी है।
ट्रांस्प्लांट वाले मरीज ये रखें ध्यान
– प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखें।
– सर्दी-खांसी होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
– ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में रखें।
– नमक ज्यादा न खाएं।
– तली हुई खाद्य चीजों से दूर रहें।
किडनी डोनर रखें इन बातों का ध्यान
– कभी वजन न उठाएं।
– समय पर भोजन करें।
– पेशाब को कभी न रोकें।
– समय पर डॉक्टर का परामर्श लेते रहें।
सामान्य वर्ग किडनी को ऐसे रखें सुरक्षित
– नियमित एक माह में शरीर की कराएं जांच।
– पेशाब में जलन होने पर डॉक्टर के परामर्श के बिना दवाई न लें।
– ब्लड प्रेशर और शुगर को रखें कंट्रोल।
ये हो रहे हैं प्रयोग
देश और विदेश से आए डॉक्टरों ने बताया कि कृत्रिम किडनी बनाने पर प्रयोग जारी है। अभी सेल का निर्माण किया गया है, 40 प्रतिशत किडनी खराब होने पर उसका उपयोग किया जाता है। इसमें ट्रांस्प्लांट की जरूरत नहीं पड़ती।