4 अप्रैल के दिन-रात है खास, ये उपाय खोलेंगे उन्नति के द्वार

नवरात्रि के आठवें दिन कन्या पूजन का विधान है। कल 4 अप्रैल, मंगलवार को चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि है, जिसका अत्यधिक महत्व माना जाता है। ये दिन देवी महागौरी को समर्पित है। इस दिन मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए नौ कन्याओं के पूजन का विधान है। वैसे तो आम तौर पर सभी शुभ कार्यों का फल प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन किया जाता है, लेकिन नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नवरात्र में माता को प्रसन्न करने के लिए हम उपवास-आराधना आदि करते हैं जिससे भय, विघ्न और शत्रुओं का नाश होता है। मान्यता है कि होम, जप और दान से देवी इतनी प्रसन्न नहीं होतीं जितनी कन्या पूजन से प्रसन्न होती हैं। अष्टमी तिथि का दिन ही नहीं रात भी खास है, ये उपाय खोलेंगे उन्नति के द्वार।

रात 12 बजे के उपरांत मेन गेट पर दाएं और बाएं तरफ शुद्ध देसी घी के दो दीपक लगाएं। इससे घर-परिवार पर आने वाले सभी संतापों का नाश होगा। 


देवी मां को खुश करने के लिए किसी भी मंदिर में जाकर उनकी प्रतिमा के सम्मुख कमल के फूल अर्पित करें।


घर में दुर्गा सप्तशती का पाठ करवाएं। यह तंत्र व मंत्र दोनों का अद्वितीय संगम है। इसमें तेरह अध्याय होते हैं। इन अध्यायों को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहले भाग में मधु कैटभ वध का वर्णन है। दूसरे में सेना सह‌ित मह‌िषासुर के वध की कथा और अंतिम चरित्र में शुम्‍भ न‌िशुम्‍भ वध और सुरथ एवं वैश्य को म‌िले देवी के वरदान का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती के अलग-अलग अध्याय के पाठ से भिन्न-भिन्न लाभ प्राप्त होते हैं। अपनी इच्छानुसार दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। 


अविवाहित ब्राह्मण कन्या को मनभावन वस्त्र दिलवाएं अन्यथा कोई भी तोहफा देकर उसका आशीष प्राप्त करें।


9 कंजकों को घर पर बुलाकर खीर खिलाएं साथ में उपहार भेंट करें। 


11 सुहागन महिलाओं को सुहाग का सामान भेंट करें, धन-लाभ होगा।


माता के मंदिर में फलों का भोग लगाकर जरूरतमंदों में बांट दें।


भगवती के मंदिर में लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं।

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