5 मार्च से होलाष्टक, 14 से खरमास, नहीं होंगे शुभ काम

इस साल 5 से 12 मार्च तक होलाष्टक और 14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास रहेगा। ऐसी मान्यता है कि खरमास में मांगलिक कार्य नहीं करवाए जाते हैं। 12 मार्च को होलिका दहन भी सूर्यास्त के बाद शाम 7:26 बजे तक कर लेना बेहतर रहेगा।

पंडित सियाराम तिवारी के अनुसार इस साल होलाष्टक रविवार 5 मार्च से शुरू होकर रविवार 12 मार्च तक रहेगा। महावीर पंचाग के अनुसार इरावती नदी के उत्तर में ही इसका असर होता है। मुख्य रूप से धवलपुर, लुधियाना, शिमला, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कांगड़ा, कपूरथला में भी मांगलिक कार्य प्रभावित होंगे।

14 मार्च से खरमास लगेगा
मंगलवार 14 मार्च को शाम 7:13 पर सूर्य कुंभ राशि से निकलकर बृहस्पति की मीन राशि में प्रवेश करेगा। जब सूर्य धनु और मीन राशि में होते है तो खरमास या मलमास होता है। सूर्य मीन राशि में गुरुवार 13 अप्रैल की रात 3:31 बजे तक रहेगा। उसके बाद सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेगा। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि होलाष्टक की तरह खरमास में विवाह, शुभ, मांगलिक कार्य, व्यापार प्रारम्भ, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं करने की मान्यता है।

13 मार्च को खेली जाएगी होली
रविवार 12 मार्च को होलिका दहन प्रदोषकाल में किया जाएगा। शास्त्रीय नियमों के अनुसार होलिका दहन के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए। सूर्यास्त के बाद अंधेरा होना चाहिए। इसके साथ ही पूर्णिमा का दिन होना चाहिए। पंडित सियाराम तिवारी के अनुसार पूर्णिमा का मान 12 मार्च को शाम 7:26 मिनट तक ही है। उसके बाद प्रतिपदा लग जाएगी। इसलिए बेहतर है होलिका दहन सूर्यास्त के बाद शाम 6:15 से शाम 7:26 तक कर लिया जाए। सोमवार 13 मार्च को होली खेली जाएगी।

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